सीएमपीडीआई की विकसित प्रणाली को मिला पेटेंट, ये है खूबी

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  • धूल के उत्पादन एवं उड़ने की प्रक्रिया को करता है नियंत्रित

रांची। कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीएमपीडीआई ने धूल के उत्पादन एवं उड़ने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए एक प्रणाली विकसित की है। कंपनी ने अपने इस अभिनव कार्य के लिए पेटेंट हासिल किया है। यह पेटेंट 30 दिसंबर, 2022 को द पेटेंट ऑफिस, इंटेलेक्यूल्स पॉपर्टी इंडिया, भारत सरकार ने प्रदान किया।

इसे लेकर सीएमपीडीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक मनोज कुमार एवं निदेशक (तकनीकी/इंजीनियरिंग सेवाएं) शंकर नागाचारी ने संस्थान के पर्यावरण टीम की सराहना की।

सीएमडी ने कहा कि पेटेंट प्राप्त करना हमारे संगठन की तकनीकी कौशल एवं नवाचार की दिशा में उसके प्रयासों को दर्शाता है। यह पेटेंट सीएमपीडीआई को अधिकार प्रदान करता है कि वह दूसरों को हमारी अनुमति के बिना हमारे आविष्कार की नकल, निर्माण, बिक्री या आयात करने से निषेध करता है। इससे सीएमपीडीआई को व्यावसायिक लाभ प्राप्त होगा। कंपनी के हितों की रक्षा के लिए इस तरह के नवाचारों को हासिल करने वालों को पेटेंट कराने के लिए भी प्रेरित किया।

ज्ञात हो कि उड़ने वाले धूलकण वह पार्टिकुलेट सामग्री है, जो विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न होकर हवा के संपर्क में आते हैं। एक सीमित प्रवाह धारा (स्टैक उत्सर्जन) के माध्यम से वातावरण में नहीं छोड़े जाते हैं।

यह नई प्रणाली खुले स्रोतों से उत्पन्न होने वाली धूलकण को कम करने में मदद करती है, जिससे वायु प्रदूषण में कमी होती है। आसपास के वायु की गुणवत्ता बेहतर होती है। यह प्रणाली शोर भी कम करती है, जो स्थल के सौंदर्यीकरण में भी सहायक होता है।

इस प्रणाली का उपयोग खानों, थर्मल पावर प्लाटों, रेलवे साइडिगों, बंदरगाहों, निर्माण स्थलों में किया जा सकता है, जहां कोयला और अन्य खनिज/उड़ने वाले धूलकण सामग्री (फ्यूजिटिव मेटेरियल्स) खुले आसमान के नीचे रखे जाते हैं।

सीएमपीडीआई के मुख्य प्रबंधक (पर्यावरण) प्रकाश चंद्र झा के अनुसार वर्तमान आविष्कार फ्यूजिटिव डस्ट के उत्पत्ति और फैलाव को कम करने के लिए विंड ब्रेक (डब्ल्यूबी) और वर्टिकल ग्रीनरी सिस्टम (वीजीएस) के समकालिक अनुप्रयोग से संबंधित है। विंड ब्रेक (डब्ल्यूबी) और वर्टिकल ग्रीनरी सिस्टम (वीजीएस) को क्रमशः उड़ने वाले धूल स्रोतों के संबंध में ऊपर और नीचे की दिशा में खड़ा किया जाता है।

विंड ब्रेक (डब्ल्यूबी) स्रोत की ओर आने वाले हवा की गति को कम कर देता है। अतएव, यह स्रोत के ऊपर उड़ते समय धूल को उठाने के लिए आसपास के वायु की क्षमता को कम कर देता है। वर्टिकल ग्रीनरी सिस्टम (वीजीएस) एक फिल्टर के रूप में कार्य करता है। हवा के साथ-साथ नीचे की दिशा में रिसेप्टर्स की ओर जाने वाले अवशिष्ट धूल की मात्रा को कम करता है। इस प्रकार डाउन-विंड दिशा में स्थित विभिन्न रिसेप्टर्स पर आसपास के वायु में धूल की सांद्रता में उल्लेखनीय कमी आती है।

यह प्रणाली वायु प्रदूषण मुक्त बनाने में मदद करता है। आसपास रहने वाले निवासी और खनन क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मियों को स्वास्थ्य क्षति से बचाता है।