- भविष्य के हाई-स्पीड सस्टेनेबल मोबिलिटी सिस्टम हाईपरलूप टेक्नोलॉजी को विकसित एवं नियोजित करने का होगा काम
चेन्नई। टाटा स्टील एवं टूटर हाइपरलूप ने संयुक्त रूप से बड़े पैमाने पर हाइपरलूप टेक्नोलॉजी को विकसित एवं नियोजित करने के लिए 23 दिसंबर, 2022 को आईआईटी मद्रास में एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किया। इसमें अनुसंधान का मुख्य क्षेत्र डिजाइन की मुख्य चुनौतियों और सामग्रियों के चयन पर केंद्रित होगा।
हाइपरलूप यात्रियों एवं कार्गो दोनों के लिए उच्च गति, कम लागत, टिकाऊ परिवहन प्रणाली का भविष्य का विकल्प है। हाइपरलूप सिस्टम में ट्यूब, पॉड, प्रोपल्शन सिस्टम एवं ट्रैक जैसे प्रमुख तत्व होते हैं। ऑटोनोमस, लेविटैटेड पॉड्स एक इवैकुएटेड ट्यूब्स के एक नेटवर्क के जरिए गुजरते हैं।
यह सड़क परिवहन और विमानन की तुलना में 10 गुना अधिक ऊर्जा-दक्षता का वादा करता है। रेल एवं सड़क की तुलना में 2-3 गुना कम जगह का उपयोग करता है। विमानन की तुलना में कम यात्रा अवधि को सक्षम बनाता है।
टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (टेक्नोलॉजी एंड न्यू मैटेरियल्स बिजनेस) डॉ. देबाशीष भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम घरेलू टेक्नोलॉजिज को प्रोत्साहित एवं बढ़ावा देते हैं। उन्हें व्यावसायिक सफलता की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वैश्विक स्तर पर हाइपरलूप में भविष्य के हाई स्पीड वाले सस्टेनेबल परिवहन के लिए काफी संभावनाएं है। हमारा मानना है कि यह डिसरप्टिव मोबिलिटी टेक्नोलॉजी टूटर हाइपरलूप एवं टाटा स्टील के ठोस प्रयासों के माध्यम से अपनी मूल क्षमताओं का लाभ उठाते हुए अपने घोषित उद्देश्य को प्राप्त कर सकती है। सस्टेनेबल व्यवसाय के लिए प्रतिबद्ध मैटेरियल कंपनी के रूप में, हम अपनी अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं तथा टाटा पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाकर हाइपरलूप यात्रा में महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान खोजने में योगदान देंगे।‘
टूटर आइपरलूप के को-फाउंडर एवं सीईओ आर बालाजी ने कहा, ‘हम इस महत्वपूर्ण परियोजना पर टाटा स्टील के साथ काम करके प्रसन्न हैं। हम वर्तमान में हाइपरलूप प्रौद्योगिकी समाधान को लागत एवं दक्षता के मामले में वैश्विक बेंचमार्क बनाने के लिए विभिन्न विकल्पों का विकास एवं परीक्षण कर रहे हैं। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमें टाटा स्टील जैसे वैश्विक लीडर्स की क्षमताओं का लाभ उठाने की जरूरत है। टाटा स्टील के साथ साझेदारी हमें सामग्री एवं डिजाइन संबंधी चुनौतियों को हल करने तथा हाइपरलूप को वास्तविकता बनाने में सक्षम बनाएगी।‘
टाटा स्टील के पास स्टील एवं कंपोजिट मैटेरियल्स की डिजाइन एवं विकास में खास विशेषज्ञता है। भविष्य के लिए तैयार सस्टेनेबल व्यवसाय को विकसित करने के अपने रणनीतिक इरादे के अनुरूप, टाटा स्टील ने हाइपरलूप की पहचान भविष्य की गतिशीलता के क्षेत्र में एक उपयुक्त महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के रूप में की है।
टूटर, आईआईटी मद्रास, भारत से निकला एक डीपटेक स्टार्टअप है, जो इस क्षेत्र में अग्रणी है तथा अपने प्रमुख मूल्य प्रस्ताव के रूप में कम लागत वाले हाइपरलूप समाधान का वादा करती है। टूटर में पॉड एवं प्रोपल्शन सिस्टम डिज़ाइन में अद्वितीय ताकत है।
टाटा स्टील एवं टूटर व्यावसायीकरण के लिए प्रौद्योगिकी को संयुक्त रूप से डिजाइन, विकसित और स्केल करने का लक्ष्य रखते हैं। पहले चरण का काम आईआईटी मद्रास में 50 मीटर टेस्ट ट्रैक पर होगा। 10 किलोमीटर के ट्रैक को हासिल करने के बाद के काम को चरण II और III में पूरा किया जाएगा, जिसमें ऑटोमोटिव, कंस्ट्रक्शन एवं इंजीनियरिंग क्षेत्रों के अन्य उद्योग भागीदारों का एक कंजोर्टियम शामिल होगा।