रांची। स्कूल में हुई दुर्घटना के बाद मध्याह्न भोजन को लेकर शिक्षा विभाग ने नया निर्देश जारी किया है। भोजन बनाने और परोसने के दौरान जरूरी सावधानी बरतने का आदेश दिया है। इस संबंध में शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने 23 दिसंबर, 23 को सभी उपायुक्तों को पत्र लिखा है।
सचिव ने पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मध्याह्रन भोजन) योजना अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक के छात्र/छात्राओं को दोपहर में गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जाता है। विद्यालय परिसर में ही रसोईया सह-सहायिका द्वारा भोजन तैयार किया जाता है। भोजन तैयार करने और बच्चों के बीच गर्म भोजन वितरण के क्रम में इस प्रकार सावधानी बरतनी पड़ती है कि किसी प्रकार की कोई दुर्घटना नहीं घटित हो।
सचिव ने लिखा है कि 23 नवंबर, 2022 को पलामू जिले के तरहसी प्रखंड के छेवानी स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में गर्म माड़ में दो बच्चियों के गिरकर झुलस जाने की घटना प्रकाश में आई। यह अत्यंत ही दुखद एवं हृदय विदारक है।
दुख की बात है कि इन दो बच्चियों की मौत भी इलाज के दौरान हो गई। मानवीय भूल और सचेत नहीं रहने के कारण इस प्रकार की दुखद घटना घटित होने के कारण पूरे समाज एवं सरकार के लिए लज्जाजनक स्थिति पैदा हो जाती है।
इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए आवश्यक है कि मध्याह्न भोजन पकाने एवं परोसने के क्रम में आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। इसके लिए ये कार्रवाई की जा सकती है।
सचिव ने कहा है कि मध्याह्न भोजन तैयार करने और परोसने के क्रम में सर्तकता एवं सावधानी बरतना सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जाए, ताकि किसी प्रकार की कोई दुर्घटना घटित नहीं हो।
इन बातों का रखना है ख्याल
मध्याह्न भोजन प्राधिकरण स्तर से रसोइया-सह-सहायिका को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन प्रखंड/ पंचायत स्तर पर भी जागरुकता पैदा करने की आवश्यकता है।
विद्यालय में जहां पर मध्याह्न भोजन तैयार किया जाता है, उस स्थल से बच्चों को दूर रखा जाए।
बच्चों को गर्म तैयार भोजन परोसने के क्रम में पंक्तिबद्ध खड़ा किया जाए। एक दूसरे के बीच पर्याप्त दूरी रखा जाए।
रसोईया द्वारा बच्चों को गर्म भोजन उपलब्ध कराने के दौरान इस बात विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि वे स्वयं बच्चों की थाली पकड़कर भोजन डालने के उपरांत ही बच्चों को भोजन की थाली पकड़ायें। बच्चों द्वारा पकड़ी गई थाली में गर्म भोजन परोसने से परहेज किया जाए।
बच्चों को गर्म भोजन परोसने का स्थान का चयन इस प्रकार किया जाए कि अनावश्यक भीड़ इकट्ठा नहीं हो।
भोजन प्राप्त करने के लिए एक छोटे से चबूतरे का निर्माण भी किया जा सकता है। इस चबूतरे पर एक तरफ से एक बार में एक बच्चा अपनी थाली रख देगा। रसोईया उस थाली में भोजन परोस कर चबूतरे के दूसरे तरफ से बच्चों को थाली पकड़ा देंगी। आवश्यकतानुसार जिला में किसी मद में उपलब्ध राशि का उपयोग भी किया जा सकता है।
रसोईया द्वारा चावल बनाने के उपरांत गर्म माड़, दाल, सब्जी, चावल को खुले में नहीं छोड़ेगे। गर्म माड़ का तुरन्त निपटारा कर दिया जाए।
रसोईया के लिए यह आवश्यक है कि वे भोजन पकाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले एलपीजी गैस का सावधानी से प्रयोग करे। समय-समय पर इसकी जांच कराएं।
स्थानीय परिस्थिति और संसाधन को देखते हुए अन्य किसी भी सावधानी पर विचार कर सकते हैं।