संघ का आरोप : तथ्यों को छिपाकर शिक्षकों को बदनाम कर रहा विभाग

झारखंड
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  • शिक्षकों का बायोमेट्रिक और ऑनलाइन हाजिरी बनाने का आंकड़ा गलत

रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा कि विभाग तथ्यों को छिपाकर शिक्षकों को बदनाम कर रहा है। शिक्षकों के बायोमेट्रिक और ऑनलाइन हाजरी बनाने पर विभागीय आंकड़ा गलत है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर, मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि शिक्षा विभाग का कहना है कि 20 हजार शिक्षक ऑनलाइन हाजरी नहीं बना रहे हैं। बच्चों की उपस्थिति का 18 हजार स्कूल विवरण नहीं दे रहे हैं।

संघ ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत, भ्रामक और तथ्यहीन है। विभाग को जानकारी होनी चाहिए कि 20 हजार शिक्षको में से हजारों सेवानिवृत चुके हैं। सैकड़ों की मृत्यु हो चुकी है। हजारों महिला शिक्षिकाएं प्रतिदिन विशेष अवकाश का उपभोग करती है। अन्य शिक्षक भी अकास्मिक, मेडिकल और अन्य अवकाश में रहते हैं। कई शिक्षक विभागीय कार्य से बीआरसी, जिला कार्यालय, प्रशिक्षण सहित अन्य कार्यों में विभाग द्वारा ही प्रतिनियुक्ति रहते है।

विभाग अपनी रिपोर्ट में इन तथ्यों को छुपाकर शिक्षकों को बेवजह बदनाम कर रहा है। विडंबना यह है कि हजारी बनाने वाला सरकारी evidhayavahni एप अपडेट नहीं है। अवकाश और अन्य कार्यों से संबंधित सूचना देने का इसमें कोई प्रावधान नहीं है। भ्रामक और तथ्यहीन बायोमैट्रिक रिपोर्ट मीडिया में जारी कर विभाग अपने ही शिक्षकों का मनोबल गिरा रहा है। समाज में सरकारी विद्यालय के प्रति भ्रम फैला राज्य के लाखों गरीब बच्चों और उनके अभिभावकों का बेशर्मी से माखौल उड़ा रहा है।

पदधारियों ने कहा कि इस रिपोर्ट के पीछे विभाग सही जानकारी लेना नहीं चाहता है। अपनी कमजोरी को छिपाने के लिए सिर्फ शिक्षकों पर दोष मढ़ना जानता है। कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां टैब वर्षो से खराब है। विभाग को कई बार आवेदन देकर सूचना दी गई है, लेकिन सुधि लेने वाला नहीं है। सिर्फ शिक्षकों पर झूठा आरोप लगाया जाता है। कई सुदूर व दुर्गम क्षेत्रों में नेटवर्क की बेहद समस्या है। मोबाइल रिचार्ज नहीं है। इसमें शिक्षक क्या कर सकता है।

उपाय बताने के बजाए विभाग का आरोप लगाना कहां तक उचित है। शिक्षा विभाग इस तरह की कार्य संस्कृति से बाज आए, वरना संघ घोषणा करने पर मजबूर हो जाएगी कि शिक्षक अपने निजी मोबाइल से विभाग का किसी तरह का कार्य नहीं करे। क्योंकि विभाग की ओर से अब तक मोबाइल और डाटा रिचार्ज के लिए कोई राशि नहीं दी जाती है। ना कोई सुविधा। ऐसे में निजी मोबाइल और निजी खर्चें पर विभाग का कोई कार्य नहीं करेंगे।