शिक्षकों के आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत कल से, तैयारी पूरी

झारखंड
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रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले प्रदेश कार्यसमिति के आह्वान पर राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षकों के आंदोलन का पहला चरण खत्‍म हुआ। दूसरे चरण की शुरुआत 7 नवंबर से होगी। यह 12 नवंबर तक चलेगा।

आंदोलन के पहले चरण में शिक्षकों ने अपने हक, अधिकार और अस्मिता की रक्षा एवं चार सूत्री लंबित मांगों को लेकर 4 और 5 नवंबर को काला बिल्ला लगाकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। शिक्षकों का शोषण बंद करने और मांगें पूरी करने की मांग की।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि शिक्षक अपने हक, अधिकार, अस्मिता की रक्षा के लिए मजबूर होकर पुनः सड़क पर उतरे हैं। कभी जाति प्रमाण पत्र बनवाने, कभी खाता खुलवाने, शिशु गणना, बीएलओ कार्य, पीटीएम स्वच्छता पखवाड़ा, खेल प्रतियोगिता, रिपोर्टिंग का दबाव दिया जाता है। अब यह देखा जा रहा है कि घंटी लग रही है या नहीं और लेशन प्लान से पढ़ाई हो रही है कि नहीं।

संघ ने कहा कि जब वेतन वृद्धि की बात आती है, तब पे कमीशन द्वारा निर्धारित एंट्री भी शिक्षकों को नहीं दि‍या जाता है। सरकार सचिवालय कर्मियों को दे देती है। शिक्षकों को बेकार और निरीह समझ लेती है। सभी कर्मियों को सेवा काल में तीन अनिवार्य वित्तीय लाभ यानी एमएसीपी देते हुए प्रमोशन देती है। टीचर्स को छोड़ देती है। यह भेदभाव की नीति है।

संघ ने कहा कि शिक्षक घर-परिवार से दूर बीहड़ों में जाकर बच्‍चों को पढ़ा रहे हैं। सरकार ट्रांसफर के नाम पर जोन-जोन खेल रही है। कमेटी बनाती है। कमेटी की अनुशंसा अलमारी में बंद कर देती है। शिक्षक राष्ट्र और समाज का भाग्‍य बदलने के साथ सरकार भी पलट देते हैं। शिक्षकों के त्याग और धैर्य को सरकार कमजोरी समझ रही है।

संघ ने कहा कि शिक्षक एकजुट हैं। कल से जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपने का कार्य शुरू होगा। इसके बाद भी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो 19 नवंबर को सीएम आवास का घेराव कि‍या जाएगा। उसमें शिक्षकों का जनसैलाब राजधानी रांची की सड़को में उमड़ेगा। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो 17 दिसंबर से अनिश्चितकालीन अनशन आंदोलन पर शिक्षक चले जाएंगे।

संघ के नेताओं ने बताया कि‍ प्रारंभिक शिक्षकों की अस्मिता वर्तमान समय में खतरे में है। अधिकारियों के शोषण, हिटलरशाही, पक्षपात और उपेक्षाओ से तंग आकर आंदोलन कर रहे हैं।

चरणबद्ध आंदोलन की तिथि

7 से 12 नवंबर को जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपना।

19 नवंबर को मुख्‍यमंत्री आवास का घेराव।

17 दिसंबर से राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन।

ये है मांगें

बिहार की तर्ज पर झारखंड के शिक्षकों को MACP का लाभ दिया जाय।

छठे वेतन आयोग की विसंगतियों का निराकरण करते हुए इंट्री पे 16,290 किया जाय।

इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर नियमों का सरलीकरण करते हुए एक बार गृह जिला स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की जाय।

गैर शैक्षणिक कार्यों एवं रिपोर्टिंग के अत्यधिक दवाब से शिक्षकों को पूर्णतः मुक्त किया जाय।