मनाया गया सूचनाधिकार दिवस, सरकार पर कानून को कमजोर करने का आरोप

झारखंड
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(कामडारा (गुमला)। भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच के तत्वावधान में कामडारा ब्लॉक चौक के समीप सूचनाधिकार दिवस मनाया गया। मौके पर मंच के केंद्रीय महासचिव आनंद किशोर पंडा ने कहा कि 12 अक्टूबर, 2005 को भारतीय संसद द्वारा पारित सूचना का अधिकार कानून के आज 17 साल पूरे गये है।

सूचना का अधिकार में सभी नागरिकों को विभिन्न सरकारी विभाग एवं सार्वजनिक संस्थानों से जनहित से जुड़ी एवं सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण सूचनाएं प्राप्त करने का मौलिक अधिकार है। हालांकि दुःख की बात का है कि पिछले लगभग तीन वर्षों से झारखंड राज्य सूचना आयोग में एक भी सूचना आयुक्त नहीं है। इससे आम लोगों की अपील या शिकायत मामले का सुनवाई तक नहीं हो पा रही है।

मंच के प्रखंड अध्यक्ष अर्जुन साहू ने कहा कि सूचना का अधिकार देश का एक सर्वोच्च कानून हैं। हालांकि सूचना आयोग सक्रिय नहीं रहने से अधिकारि‍यों में सूचना का अधिकार के प्रति कोई रुचि नहीं है। वे जानबूझकर कर सूचना को रोक कर रखते हैं। इस कानून से अधिकारि‍यों का डर-भय प्रायः समाप्त हो गया है। भ्रष्टाचार बढ़ रहा है l

विकास कुमार वर्मा ने कहा कि पारदर्शिता और भ्रष्टाचार खत्‍म करने के लिए बनाया गया यह कानून महज दिखावा बनकर रह गया है। सूचना मांगने से समय पर सूचनाएं मिलती ही नहीं है। देर से सूचनाएं दी जाती है। सरकार सूचना का अधिकार को कमजोर करने में लगी हुई है।

सुधीर कुमार साहु ने कहा कि सूचना अधिकार को बचाने के लिए अब हमें आंदोलन करने की जरूरत है। कार्यकम को संदीप नायक, जाकिर अंसारी और मिशन बदलाव के कामडारा प्रखंड संयोजक रामबालक बडाईक सहित कई लोगों ने संबोधित किया। लोगों को सूचना का अधिकार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में सुशील कुमार, जितेन्द्र नाग, नरेश बडाईक, विनायक गोस्वामी, गोवर्धन गोप, सुभाष राम, कालिका पांडेय, नारायण गोप, तुलसी प्रसाद सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।