नई दिल्ली। देश में 5जी सेवा की शुरुआत हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शुभारंभ 1 अक्टूबर को किया। इसके साथ ही मोदी सरकार ने इंटरनेट के विस्तार को लेकर धांसू प्लान तैयार किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम ‘डिजिटल इंडिया’ की बात करते हैं, तब कुछ लोग समझते हैं कि यह सरकारी एक योजना है। लेकिन यह सिर्फ नाम नहीं है, देश के विकास का बहुत बड़ा विजन है। इस विजन का लक्ष्य उस टेक्नोलॉजी को आम लोगों के लिए पहुंचाना है, जो आम लोगों के लिए और उनसे जुड़कर काम करे।
पीएम ने कहा कि हमने 4 स्तंभ पर, चार दिशाओं में एक साथ फोकस किया। पहला, डिवाइस की कीमत। दूसरा, डिजिटल कनेक्टिविटी। तीसरा, डेटा की कीमत। चौथा, और सबसे जरूरी, ‘डिजिटल फर्स्ट’ की सोच है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ‘इंटरनेट फॉर ऑल’ के लक्ष्य पर काम कर रही है। डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ ही डेटा की कीमत भी उतनी अहम होती है। यह तीसरा स्तंभ था जिसपर हमने काम किया। हमने टेलिकॉम सेक्टर की तमाम अड़चनों को हटाया। इससे डेटा की कीमतों में कमी आई और देश में डेटा क्रांति हुई।
इसके बाद हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर काम किया। जितने ज़्यादा लोग इससे जुड़ेंगे उतना बेहतर है। वर्ष, 2014 तक 6 करोड़ लोग ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जुड़े थे। अब यह 80 करोड़ हो चुके हैं। इंटरनेट कनेक्शन की बात करें तो यह आंकड़ा 25 करोड़ का था, जो अब करीब 85 करोड़ पहुंच रही है।
सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल भुगतान का रास्ता आसान बनाया। सरकार ने खुद ऐप के जरिए नागरिक केंद्रित वितरण सेवा को बढ़ावा दिया। बात चाहे किसानों की हो, या छोटे दुकानदारों की, हमने उन्हें ऐप के जरिए रोज की जरूरतें पूरी करने का रास्ता दिया।
पीएम ने कहा कि आज टेलीकॉम सेक्टर में क्रांति जो देश देख रहा है वो इस बात का सबूत है कि अगर सरकार सही नीयत से काम करे तो नागरिकों की नीयत बदलने में देर नहीं लगती है। 2G की नीयत और 5G की नीयत में यही फर्क है।