रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राज्यसभा सांसद और झारखंड चैंबर की पॉलिटिकल को-ऑर्डिनेशन कमेटी की चेयरपर्सन डॉ महुआ माजी के नेतृत्व में एफआईसीसीआई के पदधारियों ने 20 अक्टूबर को मुलाकात की। उन्होंने प्रदेश में बिना नक्शे के निर्मित भवन और संरचनाओं के नियमितीकरण करने की दिशा में पहल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के लाखों लोग लाभांवित होंगे। इस पर मुख्यमंत्री का आश्वासन सकारात्मक रहा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों के साथ शहरों के विकास पर भी सरकार विशेष ध्यान दे रही है।
बड़ी आबादी को मिलेगी राहत
मुख्यमंत्री को राज्यसभा सांसद ने बताया कि कई इमारतों में बनी हुई दुकानें भवन मालिकों की आजीविका का मुख्य स्रोत है। यहां संचालित दुकानों से दुकान में कार्यरत कर्मचारी, श्रमिक एवं महिलाओं की आजीविका भी जुड़ी हुई है। यहां से होनेवाले व्यापार से राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है। वहीं, राज्य में लाखों की संख्या में स्थित आवासीय भवन मालिकों को राहत मिलेगी। उक्त कठिनाईयों को देखते हुए ही देश के विभिन्न राज्यों में व्यवहारिक पॉलिसी के तहत अवैध संरचनाओं को रेगुलराइज किया गया है। यदि राज्य सरकार द्वारा भी इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप किया जाय तो निश्चित ही इस समस्या का स्थाई समाधान संभव है।
प्रचार-प्रसार में सहयोग करेगा चैंबर
इस मौके पर झारखंड चैंबर ने मुख्यमंत्री से कहा कि सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और शहरों को हरा-भरा रखने के लिए एक पेड़ लगाने पर 5 यूनिट बिजली फ्री देने की जो नीति बनाई है, उसके प्रचार-प्रसार में संस्था सहयोग करेगा। चैंबर द्वारा इसे एक अभियान के रूप में चलाया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, झारखंड चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष अमित शर्मा, आदित्य मल्होत्रा, महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन, सह सचिव रोहित पोद्दार, शैलेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सुनील केडिया, पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल, प्रवीण जैन छाबडा, मनोज नरेडी, कार्यकारिणी सदस्य परेश गट्टानी शामिल थे।