शिक्षकों ने जीवन की चुनौती और कमजोरियों से सहजतापूर्वक निपटने का मर्म जाना

झारखंड
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  • लाइफ स्किल डेवलपमेंट पर तीन दिनी कार्यशाला संपन्‍न

लोहरदगा। जेपीसी और यूनिसेफ के संयुक्‍त तत्‍वावधान में चल रहे तीन दिनी जिलास्तरीय कार्यशाला का समापन समाहरणालय परिसर स्थित अभिलाषा कक्ष में 20 अक्‍टूबर को हुआ। इसमें किशोरों में आत्मविश्वास एवं अपने शरीर के प्रति सकारात्मक दृष्टि‍कोण बढ़ाने के लिए जीवन कौशल को अपने जीवन में उतारने पर चर्चा हुई।

इसका शुभारंभ 18 अक्टूबर को एडीपोओ अम्बुज पांडेय, एपीओ अशोक पांडेय के साथ  मास्टर ट्रेनर्स अरुण कुमार दास और रश्मी कुजूर के उद्बोधन से हुआ। प्रशिक्षु के रूप में  कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, लोहरदगा, भंडरा, किस्को, कुडू, सेन्हा एवं उत्क्रमित  +2 विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं मौजूद थे।

शिक्षक और शिक्षिकाओं ने विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ अपने जीवन में आने वाली चुनौती और कठिनाईयों के साथ-साथ अपनी कमजोरियों से सहजतापूर्वक निपटने के मर्म को जाना। अपने अनुभवात्मक स्तर से समझते हुए विद्यालय के बच्चों को संस्कारित करने का संकल्प लिया।

मास्टर प्रशिक्षक अरुण कुमार दास ने बताया कि यंग लाइव्‍स इंडिया एवं यूनिसेफ द्वारा ‘आधाfull कॉमिक्स के छह पुस्तकों की सीरीज’ तैयार किया गया है। इसमें किशोरावस्था के उम्र में बच्चों के दैनंदिन व्यवहारिक जीवन में आने वाले सभी अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितयों का सामना सफलतापूर्वक करने में अपने आपको सक्षम बनाने में मील का पत्थर हो सकता है। इसमें शिक्षक की भूमिका सर्वश्रेष्ठ है।

प्रशिक्षण के दूसरे दिन डीईओ अपरूपा पाल चौधरी एवं एसडीईओ अभिषेक झा ने इसे बच्चों के साथ स्वयं के लिए भी उपयोगी बताया, जिसे अपने जीवन में उतारने के प्रति प्रतिबद्ध होने की अपील की।

आधा full और खजाने का नक्शा, बदलीपुर के चीते, फिल्मस्टार का अपहरण, गायब हाथी, खतरे में बदलीपुर और बोलती चट्टान किताबें बच्चों के लिए अत्यंत ही मनोरंजक तरीके से जीवन कौशल के गूढ़ रहस्य को अपने जीवन जीने की कला में लैंडमार्क बनाने में अहम भूमिका निभाई है।