एफसीआई 12 राज्यों में 249 स्थानों पर आधुनिक स्टील गोदामों का करेगा निर्माण

नई दिल्ली देश
Spread the love

  • हब एंड स्पोक मॉडल के तहत पहले चरण में 34.875 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम होंगे तैयार

नई दिल्‍ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 12 राज्यों में 249 विभिन्न स्थानों पर 111.125 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) भंडारण क्षमता वाले आधुनिक स्टील गोदामों के निर्माण की योजना बनाई है। लगभग 9236 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ इन्हें सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत हब एंड स्पोक मॉडल के अनुसार तैयार किया जाएगा। इन गोदामों को तीन चरणों में बनाकर अगले 3-4 वर्षों में कार्यान्वित कर दिया जायेगा।

भारतीय खाद्य निगम द्वारा हब एंड स्पोक मॉडल के तहत पहले चरण में 80 स्थानों पर 34.875 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का निर्माण किया जाएगा। इनमें से 14 स्थानों पर 10.125 एलएमटी क्षमता के गोदाम डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण- डीबीएफओटी मोड के तहत और 24.75 एलएमटी के गोदाम 66 स्थानों पर डिजाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व एवं संचालन- डीबीएफओओ मोड के अंतर्गत तैयार किये जायेंगे।

डीबीएफओओ मोड के तहत टेंडर 31 अक्‍टूबर, 2022 को शुरू की जानी है, जबकि डीबीएफओटी मोड के लिए निविदा पहले से ही 10 अगस्‍त, 2022 को खोली जा चुकी है। एक परियोजना एक निर्माणकर्ता को आवंटित की जा चुकी है। अन्य परियोजनाओं के लिए आवश्यक प्रक्रिया जारी है। इन आधुनिक गोदामों में विशाल आकार की बनावट प्रबंधन सुविधाओं के साथ खाद्यान्नों के भंडारण का एक वैज्ञानिक तरीका है, जो खाद्यान्नों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित करता है।

पहले से ही उपलब्ध कराई गई और वर्तमान में चल रही साइलो परियोजनाओं में से 31 स्थानों (सर्किट मॉडल सहित) पर 17.75 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता पूरी हो चुकी है या उपयोग में आ चुकी है। 31 स्थानों पर 15.50 लाख मीट्रिक टन की साइलो परियोजनाओं का कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में हैं।

80 स्थानों पर ये गोदाम 9 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में तैयार किये जायेंगे। इनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा जम्मू और कश्मीर शामिल हैं। इनके निर्माण में 2,800 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं की कल्पना राज्य सरकारों, नीति आयोग, वित्त मंत्रालय, रेल मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय के परामर्श से की गई है।

खेतों के पास बनने वाले ये आधुनिक गोदाम, खरीद केंद्र (मंडी) के रूप में कार्य करेंगे। इससे किसानों के लिए बाजार की दूरी कम होगी। इनसे परिचालन कठिनाइयों और जटिलताओं को काफी कम कर दिया जायेगा। आधुनिक मशीनों से संचालित ये गोदाम चौबीसों घंटे कार्य करते हैं।

कृषि-उत्पादों के भंडारण के लिए आने-जाने में लगने वाले समय को भी कम करते हैं। इनके अधिक निर्माण से दक्षता में समग्र सुधार होगा। इसके अलावा, इन आधुनिक स्टील गोदामों को पारंपरिक भंडारण गोदामों की तुलना में लगभग 1/3 भूमि की आवश्यकता होती है।