- खनिज अन्वेषण मानदंडों में और ढील दी गई
- नौ निजी अन्वेषण एजेंसियों को मान्यता मिली
नई दिल्ली। केंद्रीय कोयला, खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत में कोयला उत्पादन 900 मिलियन टन (एमटी) के स्तर पर पहुंच जाएगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में खनिज अन्वेषण मानदंडों में ढील दी गई है। अब तक नौ निजी अन्वेषण एजेंसियों को मान्यता मिली है।
मंत्री ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कार्यालय में ‘खनिज और ऊर्जा संसाधनों पर परिसंपत्ति लेखा-जोखा का संग्रह’ जारी करने के लिए आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और संस्थागत बना दिया गया है। कोयले के आयात में काफी कमी आई है। वर्ष, 2024 तक आयात पर विराम लगा दिया जाएगा।
देश की खनिज परिसंपत्तियों पर परिसंपत्ति लेखा-जोखा का पहला संग्रह प्रस्तुत करने के लिए सीएजी कार्यालय की सराहना करते हुए जोशी ने कहा कि विभिन्न राज्यों में फैले खनिज संसाधनों की व्यापक तस्वीर इस रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई है। उन्होंने कहा कि उस टिकाऊ खनन प्रक्रिया को और मजबूत करने में यह संग्रह बहुत महत्वपूर्ण होगा, जो कि पारिस्थितिकी और भावी पीढ़ी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। मंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव की पूर्व संध्या पर देश के लोगों को यह संग्रह समर्पित किया।
राज्य परिसंपत्ति लेखा-जोखा से संबंधित जानकारियों का मिलान करते हुए सरकारी लेखांकन मानक सलाहकार बोर्ड (जीएएसएबी) ने राज्यों में खनिज और ऊर्जा संसाधनों पर परिसंपत्ति लेखा-जोखा का संग्रह तैयार किया है।
इस संग्रह में 28 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में सभी 4 जीवाश्म ईंधन, 40 प्रमुख खनिजों और 63 लघु खनिजों का विवरण शामिल है और इस अध्ययन के दौरान नजर आए नवाचारों और अच्छी प्रथाओं को भी इसमें शामिल किया गया है।