रांची। बीएयू के रांची कृषि महाविद्यालय के 70 सदस्यीय छात्र-छात्राओं ने नार्थ इंडिया एजुकेशनल टूर के अधीन उत्तराखंड के पंतनगर स्थित गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का दो दिवसीय भ्रमण किया। देश के सबसे प्रतिष्ठित एवं पहले कृषि विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों का दल काफी रोमांचित दिखा।
छात्रों ने एजुकेशनल टूर प्रभारी डॉ अरुण कुमार तिवारी एवं डॉ शीला बारला के मार्गदर्शन में करीब 12661 एकड़ मे फैले विश्वविद्यालय परिसर स्थित शैक्षणिक, शोध एवं प्रसार गतिविधियों का अवलोकन किया। विश्वविद्यालय के लेबोरेटरी, लाइब्रेरी, रिसर्च फार्म, म्यूजियम, अभिनव तकनीकी, नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी गतिविधियों को देखा।
भ्रमण के दौरान डीन एग्रीकल्चर डॉ शिवेंद्र कश्यप ने छात्रों को विश्वविद्यालय की विकास की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि क्षेत्रफल की दृष्टि से यह दुनिया के दूसरे नंबर का विश्वविद्यालय है। इसे भारत में हरित क्रांति का अग्रदूत माना जाता है। विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए अत्यंत पारदर्शी व्यवस्था है।
डीन ने बताया कि प्रतिभावान छात्रों का ही प्रवेश इस विश्वविद्यालय में होता है। करीब 4,500 विद्यार्थी अध्यनरत है, जो विभिन्न विषयों में शोध करते हैं। यह एकमात्र भारतीय कृषि विश्वविद्यालय है, जिसने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2023 में जगह बनाई है। इस विश्वविद्यालय का वैश्विक रैंकिंग में 361वां स्थान है।
छात्रों ने संस्थान के इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर में नई सोच को धरातल पर मूर्त रूप देकर व्यवसाय शुरू करने और उद्यमिता विकास के बारीकी की जानकारी प्राप्त की। वर्चुअल लैब हॉल में कृषि तकनीकी आधारित 3 डी चल-चित्र को देखा और देश में कृषि तकनीकी बदलाव एवं नई सोच से रूबरू हुए।
संस्थान द्वारा छात्रों के लिए अंतरमिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डीन एग्रीकल्चर डॉ शिवेंद्र कश्यप एवं प्राध्यापक डॉ अमन कम्बोज ने छात्रों संग शैक्षणिक, शोध एवं प्रसार के अनुभवों को साझा किया। छात्रों में कृषि क्षेत्र में करियर से सबंधित जरूरी टिप्स दिये। छात्रों का मनोबल बढाया।
छात्रों का दल रांची वापस लौट गया है। इस दल में रांची कृषि महाविद्यालय के छठे सेमेस्टर के 47 छात्राएं एवं 23 छात्र शामिल थे। छात्रों ने पूरे नार्थ इंडिया एजुकेशनल टूर को बेहद सार्थक एवं उपयोगी बताया।