नई दिल्ली। हैरान कर देने वाली खबर तुर्की से आयी है, जहां ग्रीस और तुर्की बॉर्डर पर 92 प्रवासी निर्वस्त्र मिले। यह खबर फैलते ही जहां एक ओर ग्रीस और तुर्की के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, तो वहीं संयुक्त राष्ट्र ने इस घटना की निंदा की है.
तुर्की की उत्तरी सीमा से ग्रीक पुलिस ने जिन सभी निर्वस्त्र प्रवासियों को रेस्क्यू किया है, उनमें कई लोग घायल भी हैं. अभी तक यह नहीं पता चला है कि इन लोगों ने कपड़े क्यों नहीं पहने हुए थे या इनके कपड़ों को कहां उतरवा दिया गया.
ग्रीक पुलिस के अनुसार, इन प्रवासियों को सबसे पहले ग्रीस और तुर्की बॉर्डर पर इवरोस नदी के पास देखा गया था. यूरोपियन यूनियन बॉर्डर एजेंसी के अधिकारियों और ग्रीक पुलिस की जांच के अनुसार, इन प्रवासियों ने रबड़ की नाव के सहारे नदी पार करते हुए तुर्की से ग्रीस की सीमा में प्रवेश किया है.
द गार्जियन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, रेस्क्यू के बाद प्रवासियों ने पुलिस को बताया कि तुर्की अथॉरिटी ने उन्हें तीन गाड़ियों में जबरन बैठाकर बॉर्डर इलाके में छोड़ दिया. प्रवासियों ने इस बात की भी गवाही दी कि उन्हें बॉर्डर पर छोड़ने से पहले निर्वस्त्र भी कर दिया गया.
ग्रीस के माइग्रेशन मंत्रालय ने इस बारे में कहा कि तुर्की के इस उकसाने वाले व्यवहार ने सभी सीमाओं को लांघ दिया है. ग्रीस सरकार में माइग्रेशन मंत्री नोतिस मितार्सी ने ट्विटर पर एक फोटो भी शेयर की, जिसमें करीब 20 निर्वस्त्र लोग खुले में घूमते हुए नजर आ रहे हैं.
माइग्रेशन मंत्री ने ट्वीट में कहा कि, ‘हमने जिन 92 प्रवासियों को बॉर्डर से रेस्क्यू किया है, उनके प्रति तुर्की का व्यवहार मानव सभ्यता के लिए शर्मनाक है.
हमें उम्मीद है कि तुर्की इस मामले की जांच करेगा और यूरोपियन यूनियन के साथ अपनी सीमा की सुरक्षा करेगा.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन के मुख्य प्रवक्ता फहरतीन अल्तुन ने ग्रीस के इन सभी आरोपों का खंडन किया है. प्रवक्ता ने कहा कि फेक न्यूज की ग्रीक मशीन एक बार फिर काम पर लौट गई है.
प्रवक्ता ने कहा कि तुर्की को शक के घेरे में लाने के लिए गलत बातें फैलाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि निर्वस्त्र प्रवासियों के फोटो को सार्वजनिक कर ग्रीस ने एक बार पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि उसे इन उत्पीड़ित लोगों की गरिमा का कोई ख्याल नहीं है.