रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय अधीन संचालित रांची कृषि महाविद्यालय के सत्र 2019-20 के विद्यार्थियों के 70 सदस्यीय दल ने शनिवार को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) लुधियाना का भ्रमण किया। वर्ष 1962 में स्थापित देश के दूसरे सबसे पुराने कृषि विश्वविद्यालय परिसर में छात्र दल काफी उत्साहित दिखा।
भ्रमण के दौरान छात्रों ने यूनिवर्सिटी के डॉ एमएस रंधावा लाइब्रेरी और म्यूजियम आफ हिस्ट्री एग्रीकल्चर का अवलोकन किया। किसानों द्वारा गेहूं कल्याण सोना किस्म हाथों-हाथ लेने सबंधी जानकारी प्राप्त की। नार्थ इंडिया टूर प्रभारी डॉ अरुण तिवारी एवं डॉ शीला बारला के मार्गदर्शन में भारत की हरित क्रांति में विश्वविद्यालय की अहम भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की।
छात्र दल विवि परिसर के विभिन्न अनुसंधान परिसर में चलाये जा रहे शोध कार्यक्रमों से काफी प्रभावित हुए। किसानों के मांग के अनुरूप नवीनतम शोध कार्यक्रमों की जानकारी हासिल की। छात्रों ने महसूस किया कि पंजाब के किसान काफी जागरूक और नई तकनीक को अपनाने के मामले में अग्रणी हैं। विवि के एग्री क्लिनिक केंद्र में किसानों को प्रदत्त 24 घंटे की सेवा और उनके समस्यायों के समाधान की दिशा में कार्रवाई से अवगत हुए।
मौके पर पीएयू के निदेशालय प्रसार शिक्षा में आयोजित सेमिनार में निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ अनिल शर्मा ने पीएयू का देश-विदेश के 50 लाख किसान चैनल से जुड़ाव एवं गतिविधियों के कार्यान्वयन की जानकारी दी। विवि में विभिन्न परियोजना एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों में संचालित प्रसार शिक्षा कार्यक्रमों एवं उपलब्धियों को विस्तार से बताया। मौके पर टूर प्रभारी डॉ अरुण तिवारी एवं डॉ शीला बारला ने पीएयू के वैज्ञानिकों का सहयोग के लिए आभार जताया।
रविवार के सुबह छात्रों का दल देहरादून के लिए रवाना हुए। वहां यह दल रविवार एवं सोमवार को देहरादून स्थित केन्द्रीय मृदा एवं जल अनुसंधान संस्थान एवं फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट का भ्रमण करेंगे।