- सीसीएल में दो दिवसीय ‘एमडीओ कान्ट्रेक्ट्स-2022’ कार्यशाला का शुभारंभ
रांची। कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल के रांची मुख्यालय स्थित दरभंगा हाउस के ‘कन्वेंशन सेंटर’ में दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ 14 अक्टूबर को हुआ। इसका विषय ‘एमडीओ अनुबंधों के अवसर और चुनौतियां-आगे बढ़ने का रास्ता’ था। यह कार्यशाला सीसीएल और सीएमपीडीआई के संयुक्त रूप में हो रही है।
कार्यशाला का उद्घाटन कोल इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने वर्चुअल रूप से किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में भाग ले रहे विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों को नये तकनीक एवं नवीनतम जानकारियों का लाभ होगा।
कोल इंडिया के निदेशक (तकनीकी) बी वीरा रेड्डी ने कहा कि यह कार्यशाला विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों को एक साथ आने और विषय के विभिन्न पहलुओं पर विचार-मंथन करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा कि निश्चय ही यह कार्यशाला से सभी लाभांवित होंगे। कंपनी का उद्देश्य देश की उर्जा आवश्यकता को पूरा करना है। यह आयोजन निश्चित रूप से इस कार्य में सहायक होगा।
ज्ञात हो कि एमडीओ मोड में ठेकेदार को इंवायरमेंट एवं फोरेस्ट क्लियरेंस, आरएंडआर गतिविधियां, लागू परमिट, लाइसेंस आदि प्राप्त करने, विकासशील परियोजनाओं के लिए विस्तृत डिजाइनिंग, वित्तपोषण, खान निर्माण, खनन की खरीद एवं अन्य उपकरण प्राप्त करने से लेकर वार्षिक उत्पादन कार्यक्रम आदि के अनुसार कोयले की खनन जैसे अन्य गतिविधियां शामिल हैं।
पूरे कोल इंडिया में एमडीओ मोड के अंतर्गत छह परियोजनाएं से 95 मिलियन टन प्रति वर्ष कोयले उत्पादन करने का लक्ष्य है। छह परियोजनाएं में से तीन (कोतरे बंसतपुर पचमो, पिपरवार भूमिगत फेज-1, चन्द्रगुप्त) सीसीएल में संचालित की जायेगी।
इस अवसर पर सीएमपीडीआई के सीएमडी मनोज कुमार, सीसीएल के निदेशक (तकनीकी/संचालन) राम बाबू प्रसाद, निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा, सीवीओ एसके सिन्हा, सीएमपीडीआई के पूर्व निदेशक एके राणा, कोयला मंत्रालय के परियोजना सलाहाकार आनंदजी प्रसाद सहित विभिन्न विभागों के महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष एवं कार्मिक उपस्थित थे।
दो दिवसीय कार्यशाला में कोल इंडिया एवं इसकी अनुषंगी कंपनी सहित अन्य उद्योगों के लगभग 100 प्रतिनिधि एमडीओ से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श के साथ-साथ अपने-अपने अनुभवों को साझा करेंगे।
कार्यक्रम में महाप्रबंधक (सीएमसी) आरआर श्रीवास्तव सहित अन्य लोगों ने कार्यशाला की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।