रांची। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की रांची जिला और रांची महानगर कमेटी के तत्वावधान में 15 सितंबर को जुलूस निकाला गया। यह जुलूस रांची नगर निगम पुरानी बिल्डिंग से लेकर अलबर्ट एक्का चौक तक गया। इसमें शामिल कार्यकर्ता ढोल नगाड़े के साथ मांदर की थाप में नाच रहे थे। नारा लगा रहे थे।
परिषद ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति परिभाषित करने को लेकर कैबिनेट द्वारा पास किए प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गठबंधन की सरकार का आभार जताया।

परिषद की रांची जिला अध्यक्ष श्रीमती कुंदरसी मुंडा और रांची महानगर अध्यक्ष पवन तिर्की ने कहा कि हेमंत सोरेन और गठबंधन सरकार द्वारा 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति को परिभाषित करना सराहनीय पहल है। चुनाव से पूर्व अपने घोषणा पत्र में उन्होंने कहा था कि अगर वह सरकार में आते हैं तो स्थानीय नीति 1932 के खतियान के आधार पर परिभाषित करेंगे।
परिषद के पदधारियों ने कहा कि हेमंत सोरेन ने कर दिखाया। सरकार को एक विशेष सत्र बुलाकर इस परिभाषित स्थानीय नीति को संशोधित कर खतियान आधारित स्थानीय नीति करना होगा। चूंकि सर्वे सेटेलमेंट द्वारा 1932, 1965 और 1958 और हर क्षेत्र में अलग-अलग सर्वे होने के कारण खतियान में अलग-अलग वर्ष चढ़ा हुआ है। इसलिए सरकार को इस पर चिंतन मंथन करते हुए विशेष सत्र पर इसे संशोधित कर खतियान आधारित स्थानीय नीति करना होगा।
जुलूस में वासुदेव भगत, प्रकाश मुंडा, सुरेंद्र लिंडा, तेतरी उरांव, पंचू उरांव, रामु उरांव, जेना उरांव, छोटी बाला सांगा, संगीता कच्छप, सुनील होरो, अकाश तिर्की, अनुज हेमरोम, लकी सिंककु, निरंजन तिर्की, उर्मिला लिंडा, नंदिया लिंडा, सुनीता कच्छप, देवंयती एक्का इत्यादि शामिल थे।