रांची। बीएयू के कृषि संकाय अधीन पौधा रोग विज्ञान विभाग द्वारा संचालित मशरूम उत्पादन ईकाई में बटन मशरूम की व्यावसायिक खेती पर 28 दिवसीय प्रशिक्षण चलाया जा रहा है। इसमें रांची, पाकुड़, गढ़वा, धनबाद एवं अन्य जिले के 16 लोग भाग ले रहे है।
उद्घाटन के मौके पर डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल ने बताया कि पोषण से भरपूर बटन मशरूम की मांग काफी बढ़ी है। बटन मशरूम उत्पादन उपरांत निर्मित कम्पोस्ट की शहरों में बेहद मांग है। बटन मशरूम की खेती में बड़ी आसानी से दोहरा लाभ कमा सकते हैं। भूमिहीन किसानों एवं युवाओं के लिए यह रोजगार का सबसे सरल माध्यम है।
मशरूम उत्पादन ईकाई के प्रभारी डॉ एन कुदादा ने बताया कि हाल में रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, खूंटी के 40 ग्रामीण आदिवासी महिलाओं के दल को भ्रमण के दौरान विभिन्न तरह के मशरूम की खेती की जानकारी दी गयी। बटन मशरूम उत्पादन एक जटिल प्रक्रिया है। प्रतिभागियों को बटन मशरूम उत्पादन की दीर्घ अवधि (28 दिनों वाली) तकनीक की व्यावहारिक जानकारी दी जा रही है।
प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को बटन मशरूम उत्पादन के लिए खाद तैयार करने की विधि बताया जा रहा है। खाद निर्माण की लंबी अवधि (24-28 दिन) में जैविक और अजैविक पदार्थो को मिश्रित करने की विधि की जानकारी दी जाएगी। इस दौरान मिश्रण का 8 बार पलटाई की जाएगी।
मिश्रण के तीसरे पलटाई में जिप्सम तथा सातवें पलटाई में फ्यूराडान मिलाने की विधि बताया जायेगा। आठवीं पलटाई के बाद तैयार खाद का विसंक्रमण, बिजाई एवं कैमिंग आदि विधि सहित बटन मशरूम उत्पादन की जानकारी वैज्ञानिकों द्वारा दी जाएगी।
मशरूम उत्पादन ईकाई के प्रभारी डॉ एन कुदादा ने बताया कि जल्द ही बटन मशरूम की व्यावसायिक खेती पर नये बैच के ट्रेनिंग की शुरुआत होने जा रही है। युवक-युवतियां, गृहणी, किसान, उत्पादक एवं संस्थाएँ ट्रेनिंग के लिए उक्त ईकाई में निबंधन करा सकते है। मोबाइल संख्या 9934270068 या 7631127335 से जानकारी प्राप्त कर सकते है।