रांची के सोनाहातू में डायन बिसाही के नाम पर तीन महिलाओं की हत्या, दो का शव बरामद, एक अब भी लापता

झारखंड
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रांची। झारखंड में अंधविश्वास अभिशाप बनता जा रहा है। राजधानी रांची के सोनाहातू क्षेत्र में डायन बिसाही के नाम पर वृद्ध महिला समेत तीन महिलाओं की हत्या कर दी गई।पुलिस ने दो का शव बरामद किया है, वहीं एक वृद्ध अब भी लापता है। पुलिस इसकी खोजबीन में जुटी है।

सोनाहातू थाना के राणाडीह गांव में शनिवार को घटी इस घटना की भनक पुलिस को रविवार को लगी। सूचना के बाद पुलिस ने जंगल से दो महिलाओं का शव बरामद कर लिया है। जिनका शव बरामद हुआ है, उसमें अभिमन्यु सिंह मुंडा की पत्नी राईलू देवी और ढोली देवी शामिल हैं। जबकि, तीसरी महिला आलोमनी देवी का शव अभी तक बरामद नहीं हो सका है।

पुलिस की टीम शव बरामदगी के लिए लगातार खोजबीन कर रही है। सोनाहातू थाना प्रभारी मुकेश हेम्ब्रम ने बताया कि उन्हें डायन बिसाही में हत्या की जानकारी मिली। वरीय अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस की टीम गांव पहुंची। लोगों से पूछताछ की तो घटना सही पायी गयी।

ग्रामीणों के बयान के आधार पर दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। डीएसपी अजय कुमार के नेतृत्व में तमाड़, ईचागड़ और राहे थाना की पुलिस गांव में कैंप कर रही है।

बताया जा रहा है कि दो सितंबर की रात एकलव्य विद्यालय तमाड़ का छात्र राणाडीह निवासी रामसकल सिंह मुंडा के पुत्र 18 वर्षीय राजकिशोर सिंह मुंडा की सर्पदंश से मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने सपेरा और ओझा को झाड़ फूंक के लिए बुलाया। ओझा ने मृतक के स्वजन को बताया कि मौत के पीछे डायन बिसाही है। गांव में ही डायन है जिसने यह किया है।

ओझा ने यह भी बताया कि हमने मंत्र पढ़ दिया है। डायन के घर में भी जल्द ही किसी की मौत होगी। संयोग से घटना के दूसरे दिन शुक्रवार को उसी गांव के अभिमन्यु सिंह मुंडा के पुत्र 19 वर्षीय ललित सिंह मुंडा को भी सांप ने काट लिया। तत्काल उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी जान बच गई। इस घटना के बाद मृतक सहित पूरा गांव ओझा की बात सच मान लिया।

गांव में बैठक बुलायी गई, जिसमें अभिमन्यु सिंह मुंडा की पत्नी राईलू देवी को डायन करार दे दिया गया। वृद्ध महिला के साथ मारपीट की गयी, तो डर से उसने दो महिलाओं का नाम लेते हुए डायन होने की बात बतायी। इसके बाद ग्रामीणों ने दो अन्य वृद्ध महिला ढोली देवी व आलोमनी देवी पकड़ कर सभा में लाया। इसके बाद तीनों महिलाओं को राणाडीह के समीप पहाड़ पर ले जाकर हत्या कर दी गयी।