
- सीआईपी में ‘मीडिया, आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर : जिम्मेदार रिपोर्टिंग’ पर कार्यशाला
रांची। आत्महत्या ‘कॉपी-कैट’ अधिनियम है। नकल के माध्यम से आत्महत्या से होने वाली मौतों में वृद्धि हो सकती है। सकारात्मक और रिस्पांसिबल रिपोर्टिंग के जरिये बढ़ती आत्महत्या की दर में कमी की जा सकती है। कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। उक्त विचार झारखंड की राजधानी रांची के कांके स्थित केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान में 20 सितंबर को आयोजित कार्यशाला में उभरकर सामने आए। कार्यशाला का विषय ‘मीडिया, आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर : जिम्मेदार रिपोर्टिंग’ था।
कार्यशाला में झारखंड के विभिन्न प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म के 20 मीडिया पेशेवरों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्रा थे। इस अवसर पर सीआईपी के निदेशक प्रो डॉ बी दास ने मानसिक बीमारी और आत्महत्या की रिपोर्टिंग पर मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 के दिशानिर्देशों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आत्महत्या को रोकने और मानसिक बीमारी से संबंधित कलंक को कम करने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य और सकारात्मक रिपोर्टिंग के जरिए आत्महत्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कार्यशाला के वक्ता रॉयल ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड कॉलेज ऑफ साइकियाट्रिस्ट्स (आरएएनजेडसीपी) के अध्यक्ष प्रो डॉ विनय लकड़ा, मेलबर्न की प्रोफेसर डॉ हेलेन हरमन विश्वविद्यालय, डब्ल्यूएचओ की सदस्य डॉ लक्ष्मी विजयकुमार, इंटरनेशनल नेटवर्क फॉर सुसाइड रिसर्च एंड प्रिवेंशन, बंगाल जर्नल ऑफ साइकियाट्री के संपादक डॉ सुजीत सर्कल थे।
वक्ताओं ने आत्महत्या और मानसिक बीमारी के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि आत्महत्या के शिकार के शोक संतप्त परिवार या दोस्तों का साक्षात्कार करते समय सावधानी बरतते हुए नैतिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्टिंग करनी चाहिए। रिपोर्टिंग करते समय ‘कहां, कब और कैसे’ के विवरण से बचना। यह पाठकों को घटना की नकल नहीं करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, मीडिया पेशेवर खुद विस्तृत रिपोर्टिंग से प्रभावित हो सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान मीडिया पेशेवरों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच संवादात्मक सत्र आयोजित हुआ। सोशल मीडिया, प्रभावितों और ब्लॉगर्स को शामिल करने के लिए आगे की निहितार्थ योजनाओं पर भी चर्चा की गई। केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी डॉ अविनाश शर्मा के धन्यवाद किया।