रांची। झारखंड सरकार ने नई अंशदायी पेंशन योजना समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का संकल्प 5 सितंबर को जारी कर दिया। राज्य कर्मियों के लिये पुरानी पेंशन योजना को लागू करने पर मंत्रिपरिषद् ने 15 जुलाई, 2022 की बैठक में कुछ शर्तों के साथ सहमति दी थी।
शर्त के आलोक में पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन भुगतान के निमित एक Standard Operating Procedure (SOP) विकसित किये जाने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की 25 अगस्त, 2022 को बैठक हुई। इसमें कई बिंदुओं पर विचार-विमर्श के बाद कुछ बिन्दुओं पर अनुशंसा की गयी थी।
उक्त अनुशंसा के आलोक में झारखंड सरकार द्वारा विचार के बाद निर्णय लिया गया है कि 1 दिसंबर, 2004 से लागू नई अंशदायी पेंशन योजना को समाप्त कर 1 दिसंबर, 2004 अथवा उसके पश्चात नियुक्त कर्मचारियों के लिये पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिये योजना का क्रियान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।
ये हैं शर्तें
वैसे कर्मी जो पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित होना चाहते हैं, उनसे इस आशय का शपथ पत्र प्राप्त किया जाना है कि उन्हें Standard Operating Procedure (SOP) की शर्तें मान्य है। उनके द्वारा किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय दावा राज्य सरकार से नहीं किया जायेगा। वित्त विभाग द्वारा इस निमित्त शपथ-पत्र का प्रारूप विकसित किया जायेगा।
NSDL से सरकारी अंशदान एवं उस पर अर्जित ब्याज की राशि सीधे राज्य सरकार को प्राप्त नहीं होने की स्थिति में कर्मियों के वार्धक्य सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी अंशदान एवं उस पर अर्जित ब्याज की राशि संबंधित कर्मी द्वारा सरकारी कोष में जमा करने के उपरांत ही पुरानी पेंशन योजना के राहत पेंशन देय होगा। सरकारी अंशदान एवं उस पर अर्जित ब्याज की राशि का समायोजन कर्मी को मिलने वाले उपदान की राशि से भी किया जा सकेगा।
NSDL द्वारा सरकारी सेवकों के अंशदान की राशि किसी भी स्थिति में प्राप्त नहीं होने पर राज्य सरकार से दावा नहीं किया जा सकेगा।
झारखंड राज्य के सरकारी कर्मियों के द्वारा दिये गये विकल्प के आधार पर 1 सितंबर, 2022 से पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाना है।
शपथ पत्र में पुरानी पेंशन योजना चयन करनेवाले कर्मियों की नई अंशदायी पेंशन योजना के अन्तर्गत वेतन से की जा रही 10 (दस) प्रतिशत मासिक अंशदान की कटौती 1 सितंबर, 2022 (माह सितंबर, 2022 के वेतन से) से समाप्त हो जायेगी। झारखंड सामान्य भविष्य निधि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार मूल वेतन (परिलब्धियों) से कटौती की जायेगी।
सरकारी अंशदान एवं उस पर अर्जित ब्याज की राशि NSDL से प्राप्त होने की स्थिति में भविष्य के पेंशनरी दायित्वों के भुगतान के लिए लोक लेखे के अंतर्गत अलग निधि में रखा जायेगा। प्रतिवर्ष गत वर्ष के पेंशनरी दायित्वों के निमित्त पेंशन निधि में निवेशित किया जायेगा। उस निवेश के संबंध में अलग से निर्णय लिया जायेगा।
NSDL से सरकारी सेवकों के अंशदान की राशि राज्य सरकार को प्राप्त होने पर मूल राशि एवं उस पर अर्जित ब्याज सरकारी सेवकों को दे दिया जायेगा। कर्मी को यह विकल्प दिया जायेगा कि ये मूल राशि को झारखंड सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा कर सकते हैं। उस मूल राशि पर ब्याज की राशि की गणना सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा करने की तिथि से ही की जायेगी। झारखंड सामान्य भविष्य निधि अधिनियम में आवश्यक संशोधन की कार्रवाई की जायेगी।
कर्मियों को भविष्य निधि लेखा संख्या आवंटन करने एवं नई पेंशन योजना अन्तर्गत कर्मियों एवं सरकार के द्वारा जमा की गई अंशदान की राशि पर अर्जित ब्याज आदि का समायोजन/ गणना के लिए वित्त विभाग अन्तर्गत भविष्य निधि निदेशालय नोडल कार्यालय होगा।
1 दिसंबर, 2004 से 1 सितंबर, 2022 तक के मध्य में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मामलों में भी पुरानी पेंशन योजना के अनुरूप उपरोक्त शत के आलोक में पात्र सरकारी सेवक/ परिवारों को नियमानुसार लाभ देय होगा। ऐसे सरकारी सेवक, जिनको नई अंशदायी पेंशन योजना में सेवानिवृत्ति उपरांत अथवा सरकारी सेवक मृत्यु के मामलों में उनके परिवार की सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त हो चुके है, ऐसे मामलों में पुरानी पेंशन योजना के अनुरूप लाभ का निर्धारण करने संबंधी दिशा-निर्देश अलग से जारी किया जायेगा।
योजना के अंतर्गत लेखा संधारण, विनियमन एवं प्रक्रिया के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किया जायेगा। पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के क्रम में किसी प्रकार की भ्रांति उत्पन्न होने पर वित्त विभाग द्वारा सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन प्राप्त कर आवश्यक दिशा-निर्देश / स्पष्टीकरण निर्गत किया जायेगा।
नई अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाली संबंधी समस्त कार्यों का निष्पादन एवं अन्य संगत कार्यवाही वित्त विभाग द्वारा किया जायेगा।