उच्‍च कृषि शिक्षा से उद्यमिता एवं नियोजन सृजन को मिलेगा बल

झारखंड
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  • बीएयू में नये पीजी व पीएचडी छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम

रांची। आईसीएआर/बीएसएमए -2021 द्वारा उच्च कृषि शिक्षा के लिए अनुशंसित की गई संशोधित एवं पुनर्गठित पाठ्यक्रम को बीएयू लागू कर दि‍या गया है। पीजी और पीएचडी पाठ्यक्रमों में आए इस नवीन बदलाव से नव नामांकित छात्रों को अवगत होना चाहिए। जीवन में उच्च कृषि शिक्षा एक महत्वपूर्ण क्षण है। सभी छात्र विवि के रोल मॉडल है। छात्रों की प्रतिभा प्रतिबिंबित होनी चाहिए। पाठ्यक्रम की पूरी अवधि में संशोधित व पुनर्गठित सभी नियम और विनियमों का अक्षरशः पालन करना होगा। समय एवं उर्जा का उचित सदुपयोग के साथ बेहतर अभिनव सोच के प्रति छात्रों को सजग रहना होगा। उक्त बातें नये पीजी व पीएचडी छात्रों के लिए 19 सितंबर को आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कही।

कुलपति ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित संशोधित एवं पुनर्गठित पाठ्यक्रम से उद्यमिता एवं नियोजन सृजन को बल मिलेगा। छात्रों के लिए कक्षा में नियमित होना, अपनी क्षमता का उन्नयन व पाठ्यक्रम विषयों पर विशेष ध्यान, रूचि और गंभीर व सार्थक प्रयासों के लिए सदैव सजग रहना होगा। 

मौके पर डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल ने कहा कि आईसीएआर ने वर्तमान स्थिति एवं चुनौतियों को ध्यान में रखकर उच्च कृषि शिक्षा के पाठ्यक्रम को संशोधित एवं पुनर्गठित किया है। यह सभी कृषि विश्वविद्यालयों में लागू होगा। सभी नये पीजी व पीएचडी छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय परिवार के अंग है। आपकी बेहतर शोध कार्य एवं बहुमुखी प्रतिभा पर बीएयू की पहचान बनेगी।

स्वागत करते हुए डीआरआई कम डीन पीजी डॉ एमके गुप्ता ने बताया कि बीएयू से सत्र 2020-21 तक 1426 छात्रों को पीजी और 273 छात्रों को पीएचडी अहर्ता मिली है। बीएयू के एग्रीकल्चर, वेटनरी एवं फॉरेस्ट्री में सत्र 2021-22 में पीजी और पीएचडी में 118 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। इनमें 27 पीएचडी एवं 91 पीजी छात्रों ने नामांकन कराया है।

करीब 10 वर्षो के बाद कृषि विज्ञान केन्द्रों में कार्यरत 7 वैज्ञानिकों का पीएचडी में दाखिला किया गया है। आईसीएआर के निर्देश पर दो वर्षो बाद पीजी एवं पीएचडी का ओरिएंटेशन किया जा रहा है। विवि में आवासीय शिक्षा अनिवार्य है। इससे सभी छात्र आवासीय उच्च कृषि शिक्षा के नियमों एवं विनियमों से अवगत हो सकेंगे।

डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद, कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा एवं डीन फॉरेस्ट्री डॉ एमएस मल्लिक ने भी संशोधित एवं पुनर्गठित पाठ्यक्रम पर अपने विचार रखे। संचालन डॉ अर्चना प्रियंका सिंह और धन्यवाद उपकुलसचिव डॉ एस चट्टोपाध्याय ने किया। मौके पर डॉ रमेश कुमार, डॉ एस कर्माकार, डॉ पीके सिंह, डॉ सोहन राम, डॉ रमेश कुमार, ई डीके रूसिया, डॉ अरविंद कुमार, डॉ एम चक्रवर्ती आदि मौजूद थे।

तकनीकी सत्र में डीआरआई कम डीन पीजी डॉ एमके गुप्ता ने सभी नव नामांकित छात्रों को उच्च कृषि शिक्षा के संशोधित एवं पुनर्गठित पाठ्यक्रम के सभी नियमों और विनियमों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आईसीएआर/बीएसएमए -2021 को बीएयू बोर्ड ऑफ़ स्टडीज और अकादमिक काउंसिल के अनुमोदन से विश्वविद्यालय में लागू कर दिया गया है। इस नये नियमों और विनियमों से सभी डीन, एसोसिएट डीन, चेयरमैन, हेड, टीचर्स, एडवाइजर एवं छात्रों को अवगत होना जरूरी है।

मौके पर प्राध्यापक डॉ बीके अग्रवाल ने बताया कि छात्रों को बीएयू की अकादमिक प्रबंधन प्रणाली (एएमएस) व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन है। थोड़ी सावधानी एवं समय का पालन कर इस प्रणाली का छात्र काफी लाभ ले सकते है। उन्होंने छात्रों को एएमएस से जुड़ी विविध विषयों को विस्तार से जानकारी दी। धन्यवाद डॉ सुरेश मेहता ने किया।