- सुखाड़ की स्थिति जानने लातेहार पहुंची निदेशक कृषि निशा उरांव
लातेहार। कृषि निदेशक निशा उरांव ने सुखाड़ की हालात का जायजा जेने के लिए दो दिन लातेहार का दौरा किया। इस दौरान वह किसानों के खेत में गई। उनसे बात की। उनके दुख-दर्द को जाना। इसके बाद अधिकारियों के साथ सुखाड़ के हालात से निपटने को लेकर समाहरणालय सभागार में बैठक की। इस अवसर पर उपायुक्त भोर सिंह यादव भी मौजूद थे।
बैठक में कृषि निदेशक ने कहा इस वर्ष जिले में विगत वर्षों की तुलना में काफी कम बारिश हुई है। इसका असर धान रोपा पर पड़ा है l लातेहार में अब तक 22 फीसदी ही धान रोपनी हुई है। कम बारिश की वजह से लातेहार के 5 प्रखंड गंभीर सूखे से प्रभावित हैं। शेष 4 प्रखंड मध्यम सूखे से प्रभावित हैं l उन्होंने पदाधिकारियों को सूखे और इसकी वजह से हुई फसल क्षति के आंकलन के लिए स्थल निरीक्षण का काम बारीकी से करने का निर्देश दिया।
सूखे एवं फसल की क्षति के आंकलन के आधार पर ही किसानों को मुआवजा की राशि प्रदान किया जाता है।
कृषि निदेशक ने बताया कि सुखाड़ के आकलन को लेकर दो तरह के मापदंड अपनाये जा रहे हैं। यह मापदंड ट्रिगर वन और ट्रिगर टू है। उन्होंने कहा कि ट्रिगर वन के तहत फसलों के आच्छादन की रिपोर्ट होता है। ट्रिगर टू के तहत फसलों के अच्छादन केंद्र सरकार के रिमोट सेंसर आंकड़े और जल संसाधन के रिपोर्ट के आधार पर सुखाड़ तय किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान हालात और ट्रिगर टू के मापदंडों के तहत झारखंड के 200 प्रखंड सुखाड़ के दायरे में है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
मौके पर सुखाड़ की स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक फसलों की खेती, रबी फसलों की खेती के लिए बीजों की ससमय आपूर्ति, फसल विविधता को बढ़ावा देने, झारखंड राज्य फसल राहत योजना एवं झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा की गई।
कृषि निदेशक ने बताया कि बिरसा बीज योजना के तहत किसानों को चना, सरसों इत्यादि फसलों के बीज 100 प्रतिशत अनुदान पर दिया जाएगा। बीज विनिमय योजना के तहत किसानों को गेहूं, मसूर इत्यादि फसलों के बीज 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जाएगा l उन्होंने कहा इन दोनों योजना के तहत सूखा रोधी प्रभेदों के बीज उपलब्ध कराये जायेंगे।
बैठक में उपायुक्त ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सुखाड़ की स्थिति से निपटने के लिए रबी फसल की खेती के लिए किसानों को ससमय बीज उपलब्ध कराएं। किसानों को फसल विविधिता बढ़ाने के लिए प्रेरित करें।
बैठक में अपर समाहर्ता आलोक शिकारी कच्छप, जिला कृषि पदाधिकारी लातेहार रामशंकर प्रसाद सिंह, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी संतोष भगत एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।