रांची। पिठोरिया के सुतियाम्बे गढ़ में बारह पड़हा ईंद मेला का भव्य आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत मुंडा राज के अंतिम राजा मदरा मुंडा ने अपनी राजधानी सुतियाम्बे में करायी थी। उक्त बातें कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार बैठा ने कही।
मेले में गोवर्धन पहाड़ की तरह एक टोपाकार आकृति बनाने की परम्परा है। इस आकृति की पूजा पंडित और पाहन दोनों करते हैं। गांव के पाहन द्वारा बकरा की बलि और टोपर की पूजा अर्चना की गई।
परंपरा के अनुसार कुम्हरिया मौजा के पाहन के घर की अविवाहित युवती इस टोपर को तीन बार पैर से मारती है, उसके बाद टोपर को जमीन में गाड़ा जाता है। ईंद मेला में नगड़ी, चामा, पतागांई, कुम्हरिया, मुरुम, इचापिड़ी, मारवा सहित दर्जनों खोड़हा मंडली में शामिल महिला पुरुष नृत्य करते आए। टोपर की परिक्रमा की।
मेले में इस वर्ष हजारों की संख्या में दूर दराज इलाके के लोग शामिल हुए। मेला में पर्याप्त सुरक्षाबल नहीं रहने के कारण ट्रैफिक की समस्या देखने को मिली। मेला टांड़ में आयोजकों द्वारा लाइट की अच्छी व्यवस्था की गई थी, जिसके कारण लोग देर रात तक मेले का आनंद उठाया।
इस मौके पर अध्यक्ष रंजीत टोप्पो, साधुलाल मुंडा, पार्षद नकुल तिर्की, केन्द्रीय सरना समिति के अजय तिर्की, जिला परिषद सदस्य हिना परवीन, कमिश्नर मुंडा, कमल सिंघानिया, दीपक भारद्वाज, यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जमील अख्तर, मुखिया उज्जवन पहान, राजकिशोर मुंडा, लाला महली, योगेन्द्र उरांव,लवली कुमारी ने संबोधित किया।
मेला को सफल बनाने में संरक्षक पेपला उरांव, अध्यक्ष रंजीत टोप्पो, महासचिव भादी प्रकाश उरांव, उपाध्यक्ष सोहराई टोप्पो,छोटन मुंडा, सचिव सुरज मुंडा, कोषाध्यक्ष रामु मुंडा, सोमा उरांव, जयमंगल उरांव, सूरज टोप्पो सहित क्षेत्र के गणमान्य लोगों की भूमिका रही।