रांची। झारखंड सरकार के विभिन्न विभाग गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जैम) से 2017 से अब तक 1600 करोड़ से ज्यादा की वस्तु और सेवाओं की खरीद कर चुके हैं। रांची में जैम विक्रेता संवाद के दौरान यह जानकारी जैम के निदेशक अमरदीप गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि जैम प्रारंभ से अंत तक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है। इसे 9 अगस्त, 2016 को प्रधानमंत्री के विजन के रूप में लॉन्च किया गया था।
जैम पोर्टल का मुख्य उद्देश्य देश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम व्यवसायियों को एक ऑनलाइन मार्किटप्लेस उपलब्ध करना है, जिससे वह सरकारी खरीदारी में भाग लेकर अपने व्यापार को बढ़ा सके।
जैम विक्रेताओं के साथ बातचीत करने और उन्हें नई जैम सुविधाओं के बारे में जागरूक करने के लिए पत्र सूचना कार्यालय के सहयोग से ‘राष्ट्रीय विक्रेता संवाद’ का आयोजन 22 सितंबर को किया गया। मौके पर जैम के क्षेत्रीय प्रबंधक ब्रजेश कुमार और पीआईबी के रांची कार्यालय प्रमुख ओंकार नाथ पाण्डेय भी मौजूद थे।
निदेशक ने कहा कि जैम को सार्वजनिक खरीद को पुनः परिभाषित करने के लिए जाना जाता है। यह सरकारी खरीदारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा खरीद के तरीके में आमूल-चूल परिवर्तन लाने में सक्षम है। जैम संपर्क विहीन पेपरलेस और कैशलेस है। यह तीन स्तरों दक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता पर खड़ा है।
वित्त वर्ष 21-22 में जैम-पोर्टल के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के ऑर्डर विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा सम्पादित किये गए। जैम ने अबतक 3.02 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के व्यापारिक लेनदेन के आकड़े को पार कर लिया है। यह पूरे देश में खरीदार और विक्रेताओं सहित सभी हितधारकों के समर्थन से ही संभव हुआ है।
अमरदीप गुप्ता ने बताया कि जैम के खरीदार आधार में केंद्र और राज्य सरकार के सभी विभाग सहकारी समितियां और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम शामिल है। बड़ी कंपनियों और समूहों से शुरू होकर, विक्रेता आधार में देश भर से महिला उद्यमी स्वयं सहायता समूह और एमएसएमई विक्रेता शामिल हैं। जेम के विक्रेता आधार की विषम प्रकृति स्पष्ट रूप से ‘समावेशीता’ के संस्थापक स्तंभ को दर्शाती है।
एमएसएमई और स्वयं सहायता समूहों के लिए सहज ऑनबोर्डिंग अनुभव सुनिश्चित करने के लिए जैम पोर्टल पर विशेष प्रावधान किए गए हैं। गौरतलब है कि 62 हजार सरकारी खरीदार और 50.90 लाख विक्रेता और सेवा प्रदाता जेम पोर्टल पर पंजीकृत है।
झारखंड की महिला उद्यमी ममता प्रसाद ने कहा कि उन्होंने जैम पर अपना रजिस्ट्रेशन कोरोना काल 2019 में कराया। अब तक वह 1 करोड़ से अधिक के आर्डर सफलतापूर्वक निस्पादित कर चुकी हैं। प्रलाव इंटरप्राइजेज के प्रदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि जैम पोर्टल ने भारत सरकार की उन सारी नीतियों को समाहित किया है जो स्टार्ट अप एवं एमएसएमई को लाभ पहुंचाने के लिए बनायीं गयी हैं, जैसे की टर्नओवर एवं अनुभव जैसी शर्तों में छूट इत्यादि।
विक्रेता मुरलीधर श्रीवास्तव ने बताया कि जैम पोर्टल के कारण ही वह अपनी हाउस किपिंग सेवाएं आईआईटी धनबाद जैसी प्रतिष्ठित संस्था को पहुंचा पा रहे हैं। अब वो राज्य के बाहर अपने व्यापार को जैम पोर्टल के माध्यम से बढ़ा पा रहे हैं।