स्कूल से जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने को लेकर DC ने दिए ये निर्देश

झारखंड
Spread the love

  • सभी बीडीओ को अपने-अपने क्षेत्र में अभियान को लेकर करें प्रचार-प्रसार करें

रांची। सरकारी स्‍कूलों में पढ़ने वाले छात्रों का जाति प्रमाण पत्र विद्यालय के माध्यम से निर्गत करने के लिए चल रहे अभियान को गति देने के लिए 21 सितंबर, 2022 को रांची उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में बैठक हुई। वर्चुअल माध्यम से आयोजित बैठक में जिला शिक्षा अधीक्षक, डीआईओ, एडीआईओ, जिला के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, ईडीएम, सीएससी मैनेजर एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

शिक्षक, बीआरपी और सीआरपी मुक्‍त

जिला में स्कूल के माध्यम से जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए चल रहे अभियान की प्रंखडवार समीक्षा करते हुए उपायुक्त द्वारा तेजी से कार्य निष्पादन करने के निर्देश दिये गये। इस कार्य के लिए जिले के स्कूलों को नजदीकी प्रज्ञा केन्द्र से टैग किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि जिस स्कूल के साथ जो प्रज्ञा केन्द्र टैग है, उसका कर्मी स्कूल जाकर आवेदन प्राप्त करें ताकि डेटा मिस मैच की स्थिति उत्पन्न नहीं हो। उन्होंने संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को स्कूल के प्रिंसिपल और प्रज्ञा केन्द्र से तालमेल स्थापित कराने का निदेश दिया। उपायुक्त ने कहा कि शिक्षक, बीआरपी और सीआरपी इस कार्य से मुक्त रखें।

प्रज्ञा केन्द्र की संख्या बढ़ाने का निर्देश

सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों का जाति प्रमाण पत्र स्कूल के माध्यम से निर्गत करने के लिए फिलहाल जिला में 622 प्रज्ञा केन्द्र कार्यरत हैं। बैठक में उपायुक्त द्वारा जिला सूचना एवं विज्ञान प्राद्यौगिकी पदाधिकारी को प्रज्ञा केन्द्र की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया गया।

निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सहयोग ले

बैठक में उपायुक्त ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों का जाति प्रमाण पत्र स्कूल के माध्यम से निर्गत करने के लिए चलाये जा रहे अभियान का सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में प्रचार-प्रचार करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेते हुए गांव-टोला तक प्रचार प्रसार करें। उपायुक्त ने कहा कि शिक्षक आवेदन प्राप्त करते समय किसी दस्तावेज की कमी होने पर अभिभावक/बच्चे को जानकारी दें, ताकि अग्रेतर प्रक्रिया में आवेदन अस्वीकृत नहीं हो।