हेमंत वर्मा
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)। त्योहार के मौसम में लोगों की आवाजाही बढ़ने की संभावना है। इसके मद्देनजर स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए जिले का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने स्वास्थ्य सेवा से संबंधित विभिन्न इकाइयों की बैठक आयोजित कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आमजन से सतर्कता और सावधानी बरतने अपील की गई है।
श्वसन तंत्र की बीमारी
स्वाइन फ्लू से बचाव पर बैठक में सीएमएचओ डॉ मिथिलेश चौधरी ने कहा है कि स्वाइन फ्लू (एच1 एन1) वायरस के संक्रमण से होने वाली श्वसन तंत्र की बीमारी है। इस रोग के वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से उसके छींकने या खांसते वक्त वातावरण में ड्रापलेट के रूप में फैलते हैं। इससे बचाव के लिए सावधानी बहुत जरूरी है। बीमारी की गंभीरता के मद्देनजर जिले के सभी शासकीय एवं निजी चिकित्सालय प्रमुखों को पूर्व में भी दिशा-निर्देश दिया गया है। स्वाइन फ्लू के लक्षण, जटिलताएं, मरीजों का वर्गीकरण, उपचार प्रोटोकॉल, मरीजों का प्रबंधन, बीमारी की रोकथाम के लिए प्रबंधन, कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग, मॉनिटरिंग, धनात्मक मरीजों का सर्विलेंस, मरीजों की पूर्ण जानकारी लेना एवं लैब सैंपल रिपोर्टिंग आदि विषयों से अवगत कराया जा चुका है।
डॉक्टर की सलाह से दवा लें
डॉ चौधरी ने कहा कि त्योहार के मौसम में स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए एक बार पुनः एहतियाती सतर्कता बरतते हुए अस्पतालों में स्वास्थ्य जांच की जा रही है। जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज और सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वाइन फ्लू की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। डॉक्टर की सलाह के बिना मर्जी से दवा लेना खतरनाक हो सकता है।
स्वाइन फ्लू के ये हैं लक्षण
स्वाइन फ्लू के लक्षण मौसमी फ्लू की तरह होते हैं। इसमें बुखार, सर्दी, छींक, खांसी, कफ जमना, गले में खरास, सिर दर्द, बदन दर्द, ठंड लगना और थकान की शिकायत होती है। कुछ प्रकरणों में उल्टी-दस्त एवं पेट दर्द भी हो सकता है। गंभीर मरीजों में तेज बुखार एवं सांस लेने में तकलीफ होती है। इस बीमारी में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क आने के एक से सात दिनों में स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। बच्चों, वृद्धों एवं पूर्व से अस्वस्थ व्यक्तियों में स्वाइन फ्लू के संक्रमण के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। स्वाइन फ्लू के लक्षण आने पर जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के 07744356770 पर संपर्क किया जा सकता है।
बचाव के लिए जरूरी उपाय
खांसते और छीकते समय अपने मुंह व नाक को रुमाल से ढंकें। अपने नाक, कान अथवा मुंह को छूने से पहले या बाद में अपने हाथों को साबुन से धोते रहें। भीड़-भाड़ वाली जगह से दूर रहें। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना आएं। अच्छी नींद लें। खूब पानी पीएं। पौष्टिक आहार लें। चिंता व तनाव से दूर रहें। स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाएं। किसी से भी हाथ नहीं मिलाएं।