नई दिल्ली। गुलाम नबी ने JK कैंपेन कमेटी का पद ठुकराकर कांग्रेस को बड़ा झटका दे दिया है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने यह पद ठुकरा दिया है।
जम्मू कश्मीर में संगठन में सुधार के तौर पर गांधी ने आज़ाद के करीबी माने जाने वाले विकार रसूल वानी को यह जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता रमन भल्ला को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। पूर्व पीडीपी नेता तारिक हामिद कर्रा को अभियान समिति के उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है।
नियुक्तियों को सार्वजनिक किए जाने के कुछ घंटे बाद सूत्रों के हवाले से पता लगा है कि गुलाम नबी ने सोनिया गांधी के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद रसूल वानी ने गुलाम अहमद मीर की जगह ली है। जिन्होंने आठ साल तक इस पद पर रहने के बाद जुलाई में इस्तीफा दे दिया था।
यहां बता दें कि आजाद कांग्रेस के जी 23 समूह के प्रमुख सदस्य हैं। यह समूह पार्टी नेतृत्व का आलोचक रहा है। इसके साथ ही एक संगठनात्मक बदलाव की मांग करता रहता है। आजाद को राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा उच्च सदन में नहीं भेजा गया था।
खबरों के अनुसार स्वास्थ्य कारणों की वजह से गुलाम नबी ने प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। आजाद का हाल में एक बड़ा ऑपरेशन हुआ है। नेतृत्व को उनको जिम्मेदारी दी जाने के लिए धन्यवाद भी कहा है।
कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने एक बयान जारी कर कहा है कि सोनिया ने गुलाम अहमद मीर का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि उनके स्थान पर अब रसूल वानी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। आजाद के करीबी माने जाने वाले वानी प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और बानिहाल से विधायक रह चुके हैं।