नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में जस्टिस उदय उमेश ललित को देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। वो दो महीने दो हफ्ते यानी कुल 75 दिन तक सुप्रीम कोर्ट की अगुआई करेंगे।
यहां बता दें कि जस्टिस उदय उमेश ललित क्रिमिनल लॉ के स्पेशलिस्ट हैं। उन्हें 13 अगस्त 2014 को सीधे बार से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
इसके बाद उन्हें मई 2021 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी 2G मामलों में CBI के पब्लिक प्रोसिक्यूटर के रूप में ट्रायल्स में हिस्सा ले चुके हैं।
वे दो कार्यकालों के लिए सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। जस्टिस यूयू ललित महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। वह जून 1983 में बार में शामिल हुए थे और 1986 से शीर्ष अदालत में प्रैक्टिस करना शुरू किया।
उन्होंने 1986 से 1992 तक पूर्व अटार्नी जनरल, सोली जे. सोराबजी के साथ काम किया। 9 नवंबर 1957 को जन्में जस्टिस ललित जून 1983 में एक वकील के रूप में नामांकित हैं। उन्होंने दिसंबर 1985 तक बाम्बे उच्च न्यायलय में प्रैक्टिस की।
जनवरी 1986 से उन्होंने दिल्ली में प्रैक्टिस शुरू कर दी। अप्रैल 2004 में वह सर्वोच्च न्यायालय की कानूनी सेवा समिति के सदस्य बने और 13 अगस्त 2014 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए।