- कोयला खदानों के सफल बोलीदाताओं के साथ 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए
- कुल 4286.53 करोड़ रुपये के राजस्व और 31945 रोजगार के अवसर का अनुमान
नई दिल्ली। केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि कोयला मंत्रालय द्वारा निकट भविष्य में 107 से अधिक कोयला ब्लॉक नीलामी के लिए उपलब्ध कराए जायेंगे। वह उस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जिसमें कोयला मंत्रालय ने कोयले की बिक्री की 13वीं किश्त, 14वीं किश्त और 12वीं किश्त के दूसरे प्रयास के तहत 16 कोयला खदानों के लिए सफल बोलीदाताओं के साथ करार किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले चार महीनों के दौरान कोल इंडिया ने लगभग 207 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। कोयला मंत्रालय ने इस वित्तीय वर्ष में 900 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है। सीआईएल का लक्ष्य 700 मिलियन टन का है।
जिन 16 खदानों के लिए कोयला खदान / ब्लॉक उत्पादन और विकास समझौते किए गए हैं, उनमें बेहराबंद नॉर्थ एक्सटेंशन, गोंडबहेरा उझेनी ईस्ट, टोकीसूद ब्लॉक II, बंखुई, बिजहान, बृंदा एवं ससई, कोइलाजन, गरमपानी, माजरा, नामचिक नामफुक, उत्कल सी, चिनोरा, उत्कल बी1 एवं उत्कल बी2 और गारे पाल्मा IV/6 शामिल हैं।
सफल बोलीदाताओं में ऑरो कोल प्राइवेट लिमिटेड, एमपी नेचुरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड, ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड, यज़्दानी स्टील एंड पावर लिमिटेड, महानदी माइन्स एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड, डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड, असम मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, बीएस इस्पात लिमिटेड, प्लेटिनम अलॉयज प्राइवेट लिमिटेड और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड हैं।
13वीं किश्त में 88 कोयला खदानों की नीलामी की गई। इन 88 कोयला खदानों में से 10 खदानों के लिए दो या दो से अधिक बोलियां प्राप्त हुई थीं।14वीं किश्त में 99 खदानों की नीलामी की गई। पांच खदानों के लिए दो या दो से अधिक बोलियां प्राप्त हुई थीं। 12वीं किश्त के दूसरे प्रयास में 11 कोयला खदानों की नीलामी की गई। बोलीदाताओं की ओर से चार कोयला खदानों के लिए कुल सात बोलियां प्राप्त हुई थीं। इन चार खानों में से दो कोयला खदानों के लिए दो या दो से अधिक बोलियां प्राप्त हुईं, जिनकी सफलतापूर्वक नीलामी की गई।
शेष दो कोयला खदानों के लिए एकल बोली प्राप्त हुई और वे सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति (ईसीओएस) से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप सफल बोलीदाताओं को आवंटित की गई। इन सभी किश्तों के लिए अर्जित राजस्व हिस्सेदारी की प्रतिशतता 5 प्रतिशत से लेकर 344.75 प्रतिशत तक की है और औसत राजस्व हिस्सेदारी की प्रतिशतता 58.07 प्रतिशत की है।