- यूपी में बन रहे मेडिकल डिवाइस पार्क में पांच मल्टीनेशनल कंपनियां कर रहीं 60 करोड़ का निवेश
लखनऊ। भारत जल्द ही मेडिकल उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा। इसका निर्यात बढ़ेगा। आयात कम होगा। इसमें यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) में बन रहे उत्तर भारत के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क बड़ी भूमिका निभाएगा। सीएम योगी मेडिकल डिवाइस पार्क में निवेश करने वाली कंपनियों का जल्द शिलान्यास करेंगे।
हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा
यीडा के सेक्टर 28 में साढ़े तीन सौ एकड़ में बन रहे मेडिकल डिवाइस पार्क में 37 कंपनियां 522 करोड़ का निवेश कर रही हैं। इन्हें हाल ही में भूखंड आवंटित किया गया है। इससे 75 सौ से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। इन 37 कंपनियों में पांच बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां करीब 60 करोड़ का निवेश कर रही हैं। यह कंपनियां दो सौ देशों में निर्यात करती हैं। इनके ऑफिस अमेरिका, मेक्सिको सहित कई दशों में हैं। ऑक्सिन मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड 70 देशों में निर्यात करती है। इसका ऑफिस अमेरिका और मेक्सिको में भी है। आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण के लिए जरूरी उपकरण बनाएगी। रामसंस ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड 65 देशों में निर्यात करती है। एनेस्थिया सूई, किट बनाएगी। बायोराड मेडिसिस प्राइवेट लिमिटेड 50 देशों में निर्यात करती है। आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण के लिए जरूरी उपकरण बनाएगी। मेडियन हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड गल्फ देशों और अफ्रीकन देशों में निर्यात करती है। यह कंपनी में एनेस्थेसिया की माडर्न मशीन बनाएगी। एपिल्सन हेल्थकेयर साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड जर्मनी, स्पेन, कनाडा और थाईलैंड में निर्यात करती है और एक्सरे मशीन बनाएगी।
संशोधित होगी औषधि निर्माण नीति
योगी सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश फार्मास्यूटिकल्स उद्योग नीति 2018 लागू की गई है। मेडिकल डिवाइस पार्क में स्थापित होने वाली इकाईयों को विभिन्न प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं। औद्योगिक एवं अवस्थापना विभाग मेडिकल डिवाइस पार्क में स्थापित होने वाली इकाईयों को विशेष प्रोत्साहन देने के लिए औषधि निर्माण नीति 2018 में संसोधन भी प्रस्तावित है।
कंपनियों ने 475 करोड़ किया है निवेश
योगी सरकार के पहले सौ दिनों में हुई ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) थ्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेडिकल डिवाइस पार्क का निवेशकों के लिए शुभारंभ किया था। भारत सरकार की ओर से स्वीकृत मेडिकल डिवाइस पॉलिसी के तहत सौ करोड़ रुपए का ग्रांट दिया गया है, जिसके सापेक्ष यीडा को 30 करोड़ मिले हैं। जीबीसी थ्री में प्रदेश में फार्मास्यूटिकल्स और मेडिकल सप्लाई की 12 कंपनियों ने 475 करोड़ रुपए का निवेश किया है।