मौसम को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी ये सलाह

झारखंड कृषि
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रांची। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब की वजह से पिछले दो दिनों से झारखंड के कई जिलों में तेज हवा चलने के साथ भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है। इसे देखते हुए बीएयू के कृषि मौसम एवं पर्यावरण विभाग के तहत संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा ने किसानों के लिए बुलेटिन जारी की है।

बुलेटिन में अगले दो-तीन दिनों तक खेतों में लगी फसलों में किसी भी दवा का छिड़काव या यूरिया का भुरकाव नहीं करने की सलाह दी गयी है।

धान (सीधी बुआई) की समय पर बोई गई फसल पुष्पावस्था में है। अत्यधिक जल जमाव या पानी के तेज बहाव के कारण पौधों को गिरने की संभावना है। इससे बचाव के लिए किसान खेतों में जरूरत से अधिक जल-जमाव नहीं होने दें। सुरक्षित जल-निकास के लिए खेत के मेढ के चारों तरफ नालियां बना दें। पानी के तेज बहाव से रोपा धान के पौधों को नुकसान पहुंचने की आशंका को देखते हुए सुरक्षित जल-निकास के लिए खेत के मेढ के चारों तरफ नालियां बनायें।

मकई, मूंगफली, सोयाबीन एवं मड़ुआ की बोयी गयी फसलों के पौधों के गिरने और देर से बोई गयी फसल के पौधों के गलने की आशंका को देखते हुए सुरक्षित जल-निकास के लिए खेत में तुरंत नालियां बनायें।

अधिक बारिश एवं जल-जमाव से सब्जियों के पौधों को गिरने और गलने की आशंका होती है। फसल को नुकसान होता है। बचाव के लिए से जल-निकास के लिए नालियों का प्रबंध जरूरी है।

वर्षा में अत्यधिक भींगने से पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। उसके बचाव के लिए पशुओं को बाहर नहीं निकलने दें। पशु-आवास में भी वर्षा के पानी के प्रवेश पर नजर रखें। तुरंत समुचित व्यवस्था पर ध्यान दें।