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नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को पुनः अधिसूचित नहीं करने का निर्णय

झारखंड मुख्य समाचार
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  • हजारों आदिवासियों का 30 वर्षों का संघर्ष होगा समाप्त
  • वर्ष, 1964 में शुरू हुआ था नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज

रांची। झारखंड सरकार ने नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के अवधि विस्तार के प्रस्ताव को विचाराधीन प्रतीत नहीं होने के बिंदु पर अनुमोदन दे दिया है। साल, 1964 में शुरू हुए नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का तत्कालीन बिहार सरकार ने 1999 में अवधि विस्तार किया था। मुख्यमंत्री ने जनहित को ध्यान में रखते हुए नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को पुनः अधिसूचित नहीं करने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की है।

राजस्व ग्रामों ने सौंपा था ज्ञापन

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में लातेहार जिला के करीब 39 राजस्व ग्रामों द्वारा आमसभा के माध्यम से राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपा गया था। इसमें नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज से प्रभावित जनता द्वारा बताया गया था कि लातेहार और गुमला जिला पांचवी अनुसूची के अन्तर्गत आता है। यहां पेसा एक्ट 1996 लागू है, जिसके तहत ग्राम सभा को संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। फायरिंग रेंज के प्रभावित इलाके के ग्राम प्रधानों ने जनता की मांग पर ग्राम सभा का आयोजन कर नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के लिए गांव की सीमा के अंदर की जमीन सेना के फायरिंग अभ्यास के लिए उपलब्ध नहीं कराने का निर्णय लिया था। साथ ही, नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना को आगे और विस्तार नहीं कर विधिवत अधिसूचना प्रकाशित कर परियोजना को रद्द करने का अनुरोध किया  था।

ग्रामीण 30 वर्ष से कर रहें थे विरोध

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज से प्रभावित जनता द्वारा पिछले लगभग 30 वर्षो से लगातार नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना को रद्द करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। वर्तमान में भी प्रत्येक वर्ष की भांति नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में 22-23 मार्च को विरोध प्रदर्शन किया गया था।