रांची। कोयला मंत्रालय ने सीएमपीडीआई को कोल इंडिया और इसकी सहायक कंपनियों में भविष्य की कार्य योजना में ड्रोन का उपयोग करने के लिए आकलन, डाटा एकत्र करने और प्रौद्योगिकी के व्यापक रोल-आउट के लिए विश्लेषण की जिम्मेदारी सौंपी है।
इसके मद्देनजर महाराष्ट्र के नागपुर स्थित वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के मुख्यालय में ‘ड्रोन तकनीक की उपयोगता एवं इस्तेमाल’ विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें सीएमपीडीआई द्वारा प्रस्तुती दी गई। इसके माध्यम से ड्रोन का उपयोग कर कोयला उद्योग में खनन कार्य को सुरक्षित और सुगम बनाने की जानकारी दी गई।
नई तकनीक का प्रयोग कर खनन प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने, कार्यक्षमता में विस्तार, ड्रोन तकनीक से कार्य संबंधी तत्काल जानकारी, निर्णय लेने में सुविधा, कार्य में तेजी और ड्रोन अनुप्रयोगों अन्य के संभावित क्षेत्रों पर विस्तृत जानकारी साझा की गयी।
कार्यशाला में डब्ल्यूसीएल के निदेशक (तकनीकी/संचालन) जेपी द्विवेदी, निदेशक (तकनीकी/पीएंडपी) एके सिंह, सीएमपीडीआई के क्षेत्रीय संस्थान-4 के क्षेत्रीय निदेशक मनोज कुमार, महाप्रबंधक (जियोमेटिक्स) रजनीश कुमार, डब्ल्यूसीएल के महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष के अलावा ड्रोन निर्माता और सेवा प्रदाता के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।