- आजादी का अमृत महोत्सव पखवाड़ा का शुभारंभ
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के अधीन आजादी का अमृत महोत्सव पखवाड़ा का शुभारंभ हुआ। कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने दीप जलाकर इसका उद्घाटन किया। एनएसएस की देशभक्ति गीत से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
कुलपति ने कहा कि जीवन में अमृत के महत्व की तरह ही देश की आजादी एवं अखंडता को बनाये रखने में आजादी के अमृत महोत्सव का विशेष महत्व है। पूरे देश में मनाया जा रहा यह उत्सव युवाओं को स्वाधीनता संग्राम एवं बलिदानों से प्रेरणा एवं सीख लेने का अवसर है। देश, राज्य एवं समाज हित में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को शत प्रतिशत योगदान देने का संकल्प लेने की आवश्यकता है। राज्य के इस एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान बनाने का प्रयास करना चाहिए। राज्य के कृषि विकास के प्रति सदैव संकल्पित तथा राज्य कृषि सेवा क्षेत्र के नियोजन में शत प्रतिशत सफलता के लिए पूरी क्षमता से प्रयास करनी चाहिए। उन्होंने भारत की आजादी में झारखण्ड के सभी वीर सपूतों विशेषकर भगवान बिरसा मुंडा को याद किया। इस पखवाड़े कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानी बुधु भगत पर विशेष आयोजन करने पर बल दिया।
डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल ने कहा कि आजादी के 75 वर्षो में कृषि क्षेत्र में देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। देश के किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों के बहुमूल्य योगदान से भारत आज खाद्यान उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं, बल्कि अनेकों देशों की खाद्यान जरूरतों को पूरा कर रहा है। इस अमृत महोत्सव की प्रेरणा लेकर बीएयू के विद्यार्थियों को देश एवं राज्य को कृषि क्षेत्र में अग्रणी बनाये रखने का प्रयास करने होंगे।
डीन पीजीएस डॉ एमके गुप्ता ने इस उत्सव को युवाओं में राष्ट्रीय भावना का विकास और देश के भावी विकास में योगदान के लिए प्रण लेने का अवसर बताया।
डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने आजादी के बाद जन्मे 18 से 35 वर्ष के युवाओं के लिए इस उत्सव को बेहद महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा कि कृषि तकनीकी के बल पर हरित क्रांति और श्वेत क्रांति से देश स्वाबलंबी बना। अब लाभकारी कृषि के माध्यम से देश समग्र क्रांति से आगे बढ़ रहा है।
डीन फॉरेस्ट्री डॉ एमएस मल्लिक ने 75 वर्षो के उपलब्धियों के आकलन एवं भविष्य में बेहतर करने के संकल्प से अमृत उत्सव को सफल बनाने पर जोर दिया।
डीएसडब्लू डॉ डीके शाही ने इस उत्सव को विद्यार्थियों के लिए नवीन उर्जा, राष्ट्रीय जागरण, राष्ट्रीय एकता, राष्ट्रीय स्वाभिमान एवं आत्मनिर्भरता ज्ञान के लिए जरूरी बताया।
स्वागत करते हुए एनएसएस को-ऑर्डिनेटर डॉ बीके झा ने बताया कि अमृत महोत्सव पखवाड़ा के अधीन सभी 11 महाविद्यालयों में बहुतायत विद्यार्थियों की सहभागिता से 7 स्पर्धाओं के आयोजन से विद्यार्थियों के कौशल विकास को बढ़ावा दिया जायेगा। महाविद्यालयों से चयनित विद्यार्थियों के लिए मुख्यालय में स्पर्धा आयोजित की जाएगी। प्रभात-भेरी और अन्य विविध कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन रेडियो हरियाली की समन्यवयक शशि सिंह और धन्यवाद डॉ प्रवीण कुमार ने दिया। मौके पर डॉ एके सिंह, डॉ एस कर्माकार, डॉ पीके सिंह, डॉ पीबी साहा, ई डीके रूसिया, डॉ एके पांडे, डॉ अरबिंद कुमार, डॉ अमित कुमार, विभिन्न महाविद्यालयों के एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर एवं छात्र-छात्राएं भी मौजूद थे।