- बाईपास सड़क के लिए भूमि का होना है अधिग्रहण
आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। बाईपास सड़क बनाने के लिए लोहरदगा में जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन ने जमीन की दर तय की है। इससे ग्रामीण असंतुष्ट है। इस मामले को लेकर गुरुवार को ग्रामीण गोलबंद हो गए। सभी समाहरणालय पहुंचे। उन्होंने भेदभाव करने का आरोप लगाया। मौके पर चार मौजा के काफी संख्या में महिला और पुरुष मौजूद थे।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही है। बगल मौजा कैमो की जमीन की दर 33,000 निर्धारित की गई है। वहीं हमारे मौजा बेठठ, गु़डगामा, शहेदा,जोरी आदि की जमीन काफी कम दर पर लेना चाह रही है।
ग्रामीणों ने कहा कि यहां की जमीन की दर 12 सौ, 14 सौ, 17 सौ, 21 सौ तय की गई है। ग्रामीणों ने बताया अभी एक गाड़ी मिट्टी की कीमत 1000 हजार रुपये है। सरकार बालू की कीमत 4000 वसूली रही है।
ग्रामीणों ने क्षेत्र में बाईपास रोड का निर्माण होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि इससे गांव एवं क्षेत्र का विकास होगा। हालांकि सरकार के रवैया से सभी ग्रामीण काफी दुखी एवं चिंतित हैं। सरकार और जिला प्रशासन द्वारा इस प्रकार की दर निर्धारित करना भेदभाव की नीति को दर्शाता है।
सरकार द्वारा दी जा रही दर से ग्रामीण संतुष्ट नहीं हैं। उनकी मांग है कि कैमो मौजा की 33,000 की दर लागू की जाए। एक समान दर सभी जमीन पर लागू की जाय। एक समान दर लागू नहीं किया जाएगा तो हमसे सरकार फ्री में जमीन ले ले।
ग्रामीणों ने बताया कि रैयकों की जमीन सरकार द्वारा अधिग्रहित की जा रही है, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। अचानक कर्मचारी द्वारा जमीन की रसीद, बैंक अकाउंट, आधार कार्ड आदि ले लिया गया है। हमें एक बार भी नहीं बताया गया कि जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा के रूप में कितना पैसा दिया जाएगा।
ग्रामीणों के समर्थन में सदर प्रखंड प्रमुख सुनीता कच्छप भी उतर गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की मांग जायज है। लोहरदगा में बाईपास सड़क की बहुत पुरानी मांग रही है, जो पूरी होने जा रही है। इससे सभी को लाभ होगा। क्षेत्र का विकास भी होगा। जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। हालांकि मुआवजा की दर में भारी भेदभाव होने से किसान और रैयतों में रोष है। सरकार जमीन के मूल्य में संशोधित कर मुआवजा की दर एक समान करे।