हेमंत वर्मा
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)। खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी चंदू साहू विधानसभा में मॉनसून सत्र के आखिरी दिन स्कूलों के जर्जर व अति जर्जर भवनों का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि भवन के जर्जर होने से नौनिहालों पर खतरा बना रहता है। इससे बारिश में अध्यापन कार्य भी प्रभावित होता है। राज्य में हमारी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ा सकारात्मक बदलाव लेकर आई है। इसके लिए भवनों का दुरुस्त होना भी बेहद जरूरी है।
मंगलवार को विधायक छन्नी साहू ने विधानसभा में सवाल किया कि खुज्जी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 30 जून, 2022 की स्थिति में कितने स्कूल भवन जर्जर-अतिजर्जर हैं? साथ ही उन्होंने अतिजर्जर शाला भवनों हेतु नवीन भवन की स्वीकृति प्रदान किए जाने की समयावधि की जानकारी भी मांगी। उन्होंने अतिजर्जर भवनों के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में भी सवाल पूछा।
इस पर आदिम जाति विकास मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सदन में बताया कि कि खुज्जी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 30 जून, 2022 की स्थिति में विकासखंड अम्बागढ़ चौकी में 5 एवं विकासखंड छुरिया में 20 स्कूल भवन जर्जर-अतिजर्जर है। उन्होंने जानकारी दी कि नवीन भवन की स्वीकृति कब तक मिल सकेगी, इसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। मंत्री ने जानकारी दी कि उपरोक्त शालाओं का संचालन स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अन्य शासकीय शाला भवनों-सामुदायिक भवनों-अतिरिक्त कक्षों-अन्य भवनों में किया जा रहा है।
विधायक श्रीमती छन्नी साहू ने इस संबंध में मंत्री से चर्चा कर जर्जर व अतिजर्जर भवनों के लिए स्थाई व्यवस्था बनाने की मांग की है। उन्होंने नए भवन की स्वीकृति जल्द से जल्द दिए जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार ने छात्रों के लिए निजी स्कूलों के तर्ज पर सुविधाएं-संसाधन उपलब्ध करवाएं हैं। जहां कमी रह गई है उन्हें दुरस्त करने और बेहतर अध्यापन की व्यवस्था की जा रही है।