CG : लंबे समय से बाधित स्वास्थ्य सेवाओं को पुनः सुचारू करने पर जोर

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हेमंत वर्मा

कबीरधाम (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के लोगों को सहजतापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। विशेषकर दूरस्थ वनांचल के उप स्वास्थ्य केंद्रों में लंबे समय से बाधित स्वास्थ्य सेवाओं को शिविर लगाकर तथा स्टॉफ भेजकर पुनः सुचारू किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम स्वास्थ्य सेवा तुहंर दुआरी के माध्यम से भी गांव-गांव पहुंच रही है, जिससे लोग अब राहत की सांस ले रहे हैं।

गांव में शिविर लगाकर और स्टॉफ भेजकर कार्य शुरू करना हो, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था हो या जिला अस्पताल में सेवाओं में बढ़ोतरी हो, हर जगह स्टॉफ एवं भौतिक संसाधनों की व्यवस्था कर स्वास्थ्य सेवाओं को गति प्रदान की जा रही है। शासन की ओर से जिले में सेकंड एएनएम पद की भी व्यवस्था कर दी गई है। इसका उद्देश्य दूरस्थ पहुंचविहीन क्षेत्रों में स्टॉफ की व्यवस्था कर लोगों को आवश्यक जांच, उपचार व परामर्श की सेवा प्रदान करना है। इसके अलावा जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों व जिले भर में मेडिकल ऑफिसर्स की भर्ती की गई है, ताकि जिले में ही उच्च उपचार सुविधा भी उपलब्ध हो सके।

इस संबंध में पंडरिया के नवपदस्थ खंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ स्वप्निल तिवारी ने बताया कि लोगों तक आसानी से स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की कवायद रंग लाने लगी है। भौगोलिक बाधाओं के बावजूद लोगों को स्वास्थ्य सेवा आसानी से व त्वरित रूप से मुहैया कराने के लिए किए जा रहे प्रयासों में स्वास्थ्य विभाग को बेहतर सफलता मिल रही है। स्वास्थ्य सेवा तुहंर दुआरी को चरितार्थ करने के लिए सीएमएचओ डॉ मुखर्जी के मार्गदर्शन में जिले भर के चिन्हांकित पहुंचविहीन गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों को मौसमी बीमारियों से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं सेंदुरखार में सेकंड एएनएम के द्वारा हफ्ते भर में 3 सफल प्रसव कराया जा चुका है।

विकासखंड सहसपुर लोहारा के धरमगढ़ और पंडरिया के सेंदुरखार, भाखुर आदि उपस्वास्थ्य केंद्रों में भी काफी सकारात्मक बदलाव किया गया है। ग्रामीण लंबे समय से इन केंद्रों के लिए स्टॉफ की मांग कर रहे थेए जिसके परिणामस्वरूप स्टॉफ की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य सेवा में सुधार होने से उत्साहित अमनिया के सरपंच रतिराम भट्ट ने बताया कि भाखुर में स्टॉफ की व्यवस्था हो जाने से अब संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा। लगभग 4 वर्षों के बाद उपस्वास्थ्य केंद्र में प्रसव शुरू किया गया है। इससे पहले असामान्य स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए क्षेत्र के लोगों को कुकदूर जाना पड़ता था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं और भाखुर में ही प्राथमिक सेवाएं मिल रही हैं।