नई दिल्ली। भारत सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बूस्टर डोज लगाने के नियम बदल दिए हैं। बूस्टर डोज अब 9 की जगह 6 महीने बाद ही लगवा सकेंगे।
अगर आपने दूसरी डोज ले ली है, तो अब आपको बूस्टर डोज के लिए 9 महीने की जगह 6 महीने या 26 हफ्ते इंतजार करना होगा।
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि 18 से 59 वर्ष के सभी लोगों को अब 9 महीने के बजाय 6 महीने बाद बूस्टर डोज दी जाएगी। टीकाकरण पर सरकार की सलाहकार संस्था- नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) ने दूसरे और बूस्टर डोज के बीच के अंतर को कम करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा NTAGI ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी टीके लगाने की सिफारिशें दी हैं।
NTAGI के सूत्रों ने कहा कि 12-17 आयु वर्ग में कम टीके लग रहे हैं, वे इसमें सुधार के पक्ष में हैं। इस आयु वर्ग के लोगों को 12 वर्ष की आयु वर्ग वालों की तुलना में ज्यादा खतरा है। बूस्टर के रूप में CORBEVAX के उपयोग पर NTAGI की ओर से अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और एडमिनिस्ट्रेशन को लिखे पत्र में कहा, प्राइवेट कोविड टीकाकरण केंद्रों (CVCs) में दूसरी खुराक की तारीख से 6 महीने या 26 सप्ताह पूरे होने के बाद 18-59 वर्ष के सभी लोग बूस्टर डोज ले सकते हैं।
पत्र में कहा गया कि 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज दूसरी डोज के 6 महीने या 26 सप्ताह पूरा होने के बाद मुफ्त में दी जाएगी।
यहां बता दें कि कोरोना से बचाव के लिए अभी तक बूस्टर डोज लेने के लिए 9 महीने का इंतजार करना होता था। लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद जिन्होंने दूसरी डोज ले ली है, वे डोज लेने की तारीख से छह महीने बाद बूस्टर डोज लगवा सकते हैं।