Big News : डीएसई पर होगी कार्रवाई, सचिव से की गई अनुशंसा

झारखंड मुख्य समाचार शिक्षा
Spread the love

रांची। शिक्षा विभाग से बड़ी खबर आ रही है। राज्‍य के एक जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) पर कार्रवाई होगी। दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्‍त निदेशक ने इस बाबत शिक्षा सचिव से अनुशंसा की है। उक्‍त डीएसई पर उच्‍चाधिकारियों की बात नहीं मानने, शिक्षकों को परेशान करने और सेवानिवृत्त अधिकारी को धमकी देने का आरोप है।

आरोपी डीएसई महेंद्र पांडेय हैं। वर्तमान में वह खूंटी के जिला शिक्षा अधीक्षक हैं। उन्‍हें सिमडेगा के जिला शिक्षा अधीक्षक का अतिरिक्‍त प्रभार भी मिला हुआ है। सचिव को लिखे पत्र में क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्‍त निदेशक अरविंद विजय बिलुंग ने कहा है कि महेंद्र पाण्डेय के क्रिया-कलापों के संबंध में अंकित करना है कि इनके विरूद्ध जिला खूंटी एवं सिमडेगा दोनों कार्य क्षेत्र से शिक्षक प्रतिनिधि और कार्यालय कर्मियों के स्तर से भी अभद्र, अमर्यादित व्यवहार, कार्यों के निष्पादन में विलंब और मनमानी कार्य शैली के संबंध पत्र प्राप्त होता रहा है। मासिक पेंशन अदालत के आयोजन में भी इनके द्वारा विभागीय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए ससमय पेंशन मामलों का निष्पादन नहीं किया जाता है। यहां तक कि किये गये स्पष्टीकरण का जवाब तक इनके द्वारा नहीं दिया जाता है।

सिमडेगा के सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधीक्षक कमलेश कुमार सिंह के सेवानिवृत्ति पावनाओं का भुगतान भी बिना किसी कारण के इनके द्वारा रोक दिया गया। कमलेश कुमार सिंह ने जब इस कार्यालय को इस संबंध में सूचित किया, तब इस कार्यालय द्वारा अविलंब इनके समस्त पावनाओं का भुगतान करने का निर्देश देते हुए सूचित करने के लिए लिखा गया। पांडेय द्वारा की गई कार्रवाई की कोई सूचना अधोहस्ताक्षरी को अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है।

रिटायर डीएसई ने पुन 31 मई, 2022 को इस कार्यालय में आवेदन देकर सूचित किया कि महेंद्र पांडेय द्वारा इनके अव्यवहृत उपार्जित अवकाश एवं सेवानिवृति स्‍थानांतरण अनुदान भत्ता का विभागीय स्तर से स्वीकृति आदेश प्राप्त होने के बावजूद भुगतान नहीं किया जा रहा है। आवेदन में यह भी जिक है कि पांडेय द्वारा इन्हें धमकी दी जाती है कि ‘ज्यादा दवाब भुगतान हेतु डालोगे तो तुम्हारे सेवाकाल की जांच कराउंगा तथा कार्रवाई भी होगी। मेरा जब मन करेगा, तब भुगतान करूंगा।’

उक्त प्राप्त शिकायत के बाद कार्यालय द्वारा पुनः महेंद्र पांडेय से पत्राचार किया गया, किंतु आदेश की पुनः अवहेलना करते हुए निर्धारित समय तक कृत कार्रवाई की कोई सूचना उनके स्तर से अभी तक अप्राप्त है। अपने समकक्ष एक सेवानिवृत पदाधिकारी के प्रति उनके ऐसे रवैये से यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि शिक्षकों और कार्यालय के कर्मचारियों के प्रति उनका कैसा व्यवहार होता होगा। उच्चाधिकारी से उनके पत्राचार की भाषा भी सेवा संहिता के प्रतिकूल और अमर्यादित रहती है, जो इनके प्रशासनिक अनुभव की कमी को दर्शाता है। उनके इस तरह के कृत्यों से यह भी स्पष्ट होता है कि पांडेय अपने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने वाले एक हठी अनुशासनहीन व अपने अहम के कारण पद की मर्यादा के प्रतिकूल आचरण करने वाले पदाधिकारी हैं। एक सरकारी पदाधिकारी के ऐसे आवरण से विभाग की छवि धूमिल हो रही है।

बिलुंग ने लिखा है कि पांडेय का उक्त किया-कलापों और विभागीय / उच्चाधिकारी के आदेश की अवहेलना के तहत कार्य करने के कारण उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जाती है।