मणिपुर लैंडस्लाइड में टेरिटोरियल 18 आर्मी जवानों समेत 24 की मौत, 38 लोग अब भी लापता

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गुवाहाटी। मणिपुर के नोनी जिले में रेलवे कंस्ट्रक्शन साइट पर हुये भूस्खलन में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 24 हो गई। इनमें टेरिटोरियल आर्मी के 18 जवान शामिल हैं।

गुवाहाटी में सैन्य प्रवक्ता के हवाले से बताया गया कि 38 लोग अब भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य तेज करने के लिए कई और टीमों को लगाया गया है।

सेना, असम राइफल्स, टेरिटोरियल आर्मी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान लगातार मलबे में जिंदगियां ढूंढने में जुटे हुये हैं। इस बीच, मणिपुर में घटनास्थल के नजदीक एक और भूस्खलन हुआ है।

सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए वॉल रडार का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा खोजी कुत्तों के दस्ते को भी लगाया गया है। अब तक टेरिटोरियल आर्मी के 13 जवान और 5 नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

टेरिटोरियल आर्मी के 18 जवानों और 6 सिविलियंस के शव अब तक बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि टेरिटोरियल आर्मी के 12 जवान और 26 नागरिक अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश का काम जोरशोर से किया जा रहा है।

प्रवक्ता ने बताया कि इस हादसे में जान गंवाने वाले सैन्य कर्मियों में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) भी हैं। जेसीओ समेत 14 जवानों के शव वायुसेना के दो विमानों और एक आर्मी हेलीकॉप्टर द्वारा उनके घर भेजे गए हैं।

एक जवान के शव को मणिपुर के कांगपोकपी जिले में सड़क के रास्ते भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि शवों को रवाना करने से पहले इंफाल में उन्हें पूरे सम्मान के साथ सैन्य विदाई दी गई।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शुक्रवार को भी घटनास्थल का दौरा किया और बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने इसे मणिपुर के इतिहास का सबसे भयानक हादसा बताया।

यहां बता दें कि बुधवार-गुरुवार की रात मणिपुर के नोनी जिले के तुपुल रेलवे स्टेशन के नजदीक भारतीय सेना के 107 टेरिटोरियल आर्मी कैंप के पास ये लैंडस्लाइड हुआ था। यहां पर जिरीबाम से इंफाल के बीच रेलवे लाइन का निर्माण किया जा रहा है। ये सैनिक उसी की सुरक्षा के लिए तैनात थे।