प्रधानाध्यापक पर लगाये कई गंभीर आरोप, बीईईओ को आवेदन सौंपा

झारखंड शिक्षा
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विवेक चौबे

गढ़वा। झारखंड के गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीयकृत +2 उच्च विद्यालय के सभी सहायक अध्यापकों ने प्रधानाध्यापक पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं। इसे लेकर गुरुवार को बीईईओ राकेश कुमार को एक आवेदन सौंपा है।

आवेदन में कहा है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा अपसेंटी पर समय से हस्ताक्षर नहीं करने के कारण मई महीने का मानदेय के भुगतान से सभी वंचित हो गए। अब एक महीना उक्त शिक्षकों का घर परिवार कैसे चलेगा। सभी सहायक अध्यापकों से प्रधानाध्यापक द्वारा बैल जैसा काम लिया जाता है। इसके बावजूद भी सभी उनके आदेश का पालन भी करते हैं।

आवेदन में लिखा है कि उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक पीजीटी हैं। वे सभी सहायक शिक्षकों को हमेशा हेय दृष्टि से देखा करते हैं। पद और प्रभाव का दुरुपयोग करके लोगों से घृणात्मक कार्य जैसे शौचालय साफ करना, विद्यालय खोलना व बंद करना आदि कराते रहते हैं। उपेक्षित, अपमानित व वंचित जैसा व्यवहार किया जाता है। वर्ग 6 से 8 में विषयवार शिक्षक इस विद्यालय में नहीं हैं। फिर भी हम लोग अपने स्तर से सभी विषयों का अध्यापन कार्य करते हैं।

प्रधानाध्यापक के पास टीजीटी व पीजीटी विशेषज्ञ शिक्षक हैं, किन्तु शिक्षण कार्य से उन्हें कोई मतलब नहीं है। उपस्थित बच्चों के लगभग 50% बच्चे ही भोजन करते हैं। प्रधानाध्यापक द्वारा प्रतिदिन कुल बच्चों की उपस्थिति मांगी जाती है। हमें नहीं पता कि इसका उपयोग या दुरुपयोग किया जा रहा है। प्रधानाध्यापक की प्रताड़ना से अधिकांश विद्यालय कर्मी आहत हैं।

प्रधानाध्यापक भी जानते हैं कि प्रत्येक माह की उपस्थिति अगले माह की 3 तारीख तक बीआरसी की वेबसाइट पर अपलोड हो जानी चाहिए। हालांकि प्रत्येक उपस्थिति विवरणी देने में खुशामद कराते हैं। 6 जून, 22 को उक्त विद्यालय में आपका दौरा था। सभी बच्चों ने अंडा व फल नहीं मिलने की शिकायत भी की है। उस दिन कुल उपस्थिति 515 थी, जिसमें केवल 80 से 90 बच्चे ही भोजन किए। वहीं फल और अंडा एक भी बच्चा को नहीं मिला।

सहायक शिक्षकों ने लिखा है कि दौरे के बाद प्रधानाध्यापक से मई 2022 की उपस्थिति विवरणी पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया गया, किन्तु उन्‍होंने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। प्रधानाध्यापक के कुकृत्य के कारण मई, 2022 की उपस्थिति विवरणी बीआरसी को नहीं भेजी जा सकी।

आवेदन देने वालों में नरेंद्र मिश्रा, जयप्रकाश, उदय राम, प्रवीण कुमार, अवधेश मेहता, नागेंद्र गुप्ता, सत्येंद्र कुमार, आलोक कुमार, दिलीप कुमार, सुनीता कुमारी, उपेंद्र राम, उमेश गुप्ता सहित दर्जनों सहायक शिक्षकों का नाम शामिल है। उक्त शिक्षकों ने कहा कि हम लोग अल्प वेतन भोगी हैं। इसी मानदेय से परिवार का खर्च चलाते हैं। किन्तु प्रधानाध्यापक के रवैया के कारण परिवार के समक्ष आर्थिक व मानसिक परेशानी है।

इस सम्बंध में उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पदाधिकारी को सूचित कर दिया गया है कि वे अपने स्तर से निरीक्षण कर लें। कहां पर किसकी गलती है यह स्‍पष्‍ट हो जाएगा।