नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार 10 हजार विक्रेताओं के साथ दिसंबर से ‘‘दिल्ली बाजार’’ ई-पोर्टल की शुरुआत करेगी और उसके अगले छह महीने में एक लाख से अधिक विक्रेताओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिए गए प्रजेंटेशन में बताया गया कि जिस तरह से ई-कॉमर्स कंपनियां हैं, उसी तरह से दिल्ली बाजार ई-पोर्टल भी काम करेगा। दिल्ली बाजार पोर्टल पर दिल्ली के सभी बाजार और सभी दुकानें उपलब्ध होंगी। दिल्ली बाजार पोर्टल इन बाजारों का प्रमोशन भी करेगा।
मसलन, चांदनी चौक को अगर किसी को देखना है और वो किसी दूसरे शहर में बैठा है, तो वो ऑनलाइन दिल्ली बाजार पोर्टल की वेबसाइट पर जाएगा और चांदनी चौक बाजार में अपने पसंद सामान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेगा। साथ ही वर्चुअल नेविगेशन के जरिए बाजार की विस्तृत जानकारी ले सकते हैं। साथ ही, ई-पेमेंट के जरिए भुगतान कर सामान खरीद सकता है। दिल्ली बाजार पोर्टल की एक टीम होगी, जो बाजारों में जाएगी और उसकी पूरी ब्रैंडिंग करेगी।
दिल्ली सरकार का कहना है कि जीरो सेटअप खर्च होने के कारण दिल्ली बाजार पोर्टल पर उपलब्ध प्रोडक्ट ई-कॉमर्स कंपनियों से हिस्सा भी मिलेगा। किसी भी प्रोडक्ट को दिल्ली बाजार की वेबसाइट पर जाकर खोजा जा सकता है। मैप पर उस डीलर का नाम सामने आ जाएगा।
खरीदार ऑनलाइन दुकान में घुसकर उसके हर प्रोडक्ट की क्वालिटी और कीमत को देख सकता है और मन पसंद प्रोडक्ट को खरीद सकता है। दिल्ली बाजार एक डिस्कवरी प्लेटफार्म होगा। इसका उद्देश्य यह है कि दिल्ली के सभी छोटे-बड़े दुकानदारों को ऑनलाइन जीरो सेटअप पर लाया जाएगा। चाहें उनका जीएसटी में पंजीकरण हुआ हो या नहीं हुआ हो, सभी को दिल्ली बाजार पोर्टल पर अनुमति दी जाएगी।
दिल्ली बाजार पर दुकानदार अपनी एक माइक्रो साइट बना सकते हैं। केजरीवाल सरकार द्वारा विकसित किए जा रहे दिल्ली बाजार पोर्टल पर दिल्ली के प्रत्येक विक्रेता का अपना स्टोर होगा। जहां वे विस्तृत उत्पाद कैटलॉग के माध्यम से अपनी दुकानों और उत्पादों को प्रदर्शित कर सकेंगे। यह जीरो खर्च पर 24 घंटे चलने वाला एक अतिरिक्त वर्चुअल स्टोर होगा।