ससुराल आकर नई नवेली बहू ने मात्र 6 महीने में गाड़ दिये झंडे

झारखंड
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प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। मायके से ससुराल आने के बाद नई नवेली बहू को परिवार वालों से धुलने मिलने में ही महीने लग जाते हैं। मुहल्‍ले और गांव वालों से परिचित होने में तो सालों लग जाते हैं। हालांकि एक नई बहू ने ससुराल आने के मात्र 6 महीने में ही झंडे गाड़ दिये।

यह कहानी बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड स्थित पलिहारी गुरुडीह पंचायत की है। महज 6 माह पहले दूसरे जिले और दूसरी पंचायत में आकर पंचायत चुनाव जीतकर एक नई नवेली बहू सपना कुमारी ने परचम लहरा दिया। उसने झारखंड की सबसे कम उम्र की मुखिया बन सबको चौंका दिया।

नवनिर्वाचित मुखिया सपना कुमारी की उम्र 21 वर्ष 11 महीने है। बीते 17 मई को पलिहारी गुरुडीह पंचायत की मतगणना समाप्त होने के बाद जब सपना को मुखिया निर्वाचित घोषित किया गया, तब वहां मौजूद लोग चौंक उठे। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी सुनीता देवी को 19 वोट से हराया।

मजेदार वाली बात यह है कि सपना कुमारी के पिता दिनेश साव भी उसी दिन हजारीबाग जिले की कंडाबेर पंचायत से मुखिया का चुनाव जीते।

चुनाव जीतने के बाद सपना ने कहा कि ये मेरी नही, जनता की जीत है। मैं नमन करती हूं यहां की जनता को, जिन्होंने मुझपर भरोसा दिखाते हुए मेरा साथ दिया है। जब मैंने चुनाव लड़ने की घोषणा की, तब सभी लोग मुझपर हंसने लगे। लोग कहते थे कि नई नवेली बहू होकर इतना बड़ा ख्वाब देख रही है।

वह बताती है कि मेरे इस निर्णय पर ससुराल वाले भी मेरा विरोध करने लगे थे, लेकिन मेरे हौसले और जुनून को देखते हुए धीरे धीरे मेरा सपोर्ट करने लगे। अंत में लोगों का भरपूर समर्थन मुझे मिला और मैं चुनाव जीत गई। उन्होंने कहा कि पंचायत के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की लाभकारी योजनाओं का लाभ दिलाना मेरी प्राथमिकता होगी। इसके लिए मैं अपना शत प्रतिशत योगदान अपनी पंचायत में दूंगी।

अपनी पढ़ाई के बारे में सपना कुमारी ने कहा कि मेरी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही हुई है। वर्तमान में रांची विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई पूरी कर रही हूं। मेरी जन्मतिथि 16 जून, 2000 है।