जमशेदपुर। टाटा स्टील ने LGBTQIA+ समुदाय से ताल्लुक रखनेवाले नए बैच को शेयर्ड सर्विसेज डिवीजन में शामिल किया है। इसके साथ अपने ट्रांसजेंडर आधार का और विस्तार किया है। पूरे भारत से 18 ट्रांसजेंडरों को नियुक्त किया गया।
दिसंबर, 2021 में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में टाटा स्टील के वेस्ट बोकारो डिवीजन ने अपने महत्वाकांक्षी सफर की शुरुआत करने के लिए 14 ट्रांसजेंडर लोगों को हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) ऑपरेटरों के रूप में अपनी खदानों में नियुक्त किया। अब तक 97 ट्रांसजेंडरों को कलिंगानगर, वेस्ट बोकारो और जमशेदपुर सहित अन्य स्थानों पर नियुक्त किया गया है।
LGBTQIA+ समुदाय को शामिल करने के इस कदम का उद्देश्य ना केवल रूढ़िवादिता को तोड़ना है, बल्कि ट्रांसजेंडर लोगों को समाज की मुख्यधारा में भी शामिल करना है। टाटा स्टील की डायवर्सिटी एंड इंक्लूजन (डीएंडआई) पहल का उद्देश्य एक ऐसा कार्यस्थल तैयार करना है, जहां हर किसी का सम्मान हो। हर आवाज सुनी जाए और लोग अपने वास्तविक रूप में काम कर सकें।
सेंटर फॉर एक्सीलेंस (सीएफई) में आज आयोजित ऑनबोर्डिंग कार्यक्रम में टाटा स्टील की वाईस प्रेसिडेंट, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट अत्रेयी सान्याल, वाईस प्रेसिडेंट, शेयर्ड सर्विसेज प्रोबाल घोष, और अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन संजीव कुमार चौधरी सहित टीडब्ल्यूयू के अन्य वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे।
अत्रेयी सान्याल ने कहा, ‘टाटा स्टील परिवार में नए सदस्यों का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। टाटा स्टील LGBTQIA+ समावेशन को बढ़ावा देने और सभी के लिए एक बेंचमार्क कार्यस्थल बनाने के अपने प्रयासों को जारी रखेगी। एचआर उत्कृष्टता की यह यात्रा बेहद फायदेमंद रही है। हमें विविधता और समावेशन पर नए क्षितिज तलाशने के लिए प्रेरित करती है।‘
प्रोबाल घोष ने कहा, ‘यह हमारे कार्यस्थल को ज्यादा विविध और समावेशी बनाने का एक प्रयास है। यह पहल एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करेगी। एक समान अवसर नियोक्ता के रूप में, टाटा स्टील व्यक्तियों की विशिष्टता का सम्मान करती है और कल के कार्यक्षेत्र को आकार देने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कदम आगे बढ़ा रही है।‘