कोरबा (छत्तीसगढ़)। एसईसीएल कोरबा एरिया के अंतर्गत खनन प्रभावित गांव कसरेंगा और ढपढप में पानी की समस्या है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा ने प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा है। टैंकरों के माध्यम से साफ पानी सप्लाई करने, नया बोरहोल खनन करने और दोनों गांवों के बिगड़े बोरहोल पम्पों को तत्काल सुधारने की मांग की मांग की है। मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की धमकी दी है।
किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन ढेलवाडीह सबएरिया के प्रबंधक को सौंपते हुए समस्या का निराकरण नहीं होने पर आंदोलन की धमकी दी है। किसान सभा नेताओं जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, नरेंद्र यादव, समारू राम, रामायण प्रसाद, बृहस्पत लाल, निर्देश कंवर, नवीन, रामकुमार, रामायण सिंह, शैलेश के साथ जनवादी नौजवान सभा के दामोदर श्याम प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
किसान सभा नेता और पंच नरेन्द्र यादव ने बताया कि ढेलवाडीह खदान में कोयला खनन के कारण कसरेंगा और ढपढप का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। पेयजल, निस्तारी के साथ ही मवेशियों के लिये पानी की समस्या ने विकराल रूप ले लिया है। कसरेंगा गांव के रामायण प्रसाद ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा गांव में पानी का टैंकर नियमित नहीं आता है। टैंकर का पानी पीने योग्य भी नहीं रहता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन को कई बार समस्या से अवगत कराया गया है, लेकिन वह गंभीर नहीं है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने कहा कि कोरबा जिला पूर्ण रूप से खनन प्रभावित क्षेत्र है। किसानों की जमीन लेने के बाद उन्हें पेयजल जैसी मूलभूत व मानवीय सुविधा भी उपलब्ध नहीं करा रहा है। एसईसीएल के इस अमानवीय रवैये की निंदा करते हुए किसान सभा ने कहा है कि 7 दिनों के अंदर दोनों गांवों में पानी की समस्या का समाधान नहीं होने पर ग्रामीणों द्वारा ढेलवाडीह सबएरिया कार्यालय का घेराव किया जाएगा।