खूंटी। जनशक्ति से जलशक्ति के तहत नदियों को बचाने के लिए शुरू किये गए अभियान के क्रम में सोमवार को प्रसिद्ध पंचघाघ जलप्रपात में एक और बोरीबांध बनाने का काम पूरा कर लिया गया। जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसाईटी के साथ पंचघाघ के पर्यटन मित्र और कोलोम्दा गांव के युवाओं ने तेज धूप की परवाह किये बगैर बोरीबांध का निर्माण किया।
सूख चुका था झरना का पानी
बता दें कि पंचघाघ के मुख्य झरना का पानी सूख चुका था। झरना का बहाव बंद हो गया था। इसे देखते हुए पर्यटक मित्रों से पंचघाघ में बोरीबांध बनाने की मांग की थी। इसके पूर्व भी पंचघाघ में एक बोरीबांध बनाया गया था, जिसके बाद मुख्य झरना में पानी का बहाव शुरू हो गया है। अब दूसरे बांध के बनने से झरने में पर्याप्त पानी रहेगा।
नदी झील के स्वरूप में आ गई
पंचघाघ के पर्किंग के पास नदी झील के स्वरूप में आ गई है, जो मन को ठंडक पहुंचा रही है। अब दूर दराज से आने वाले सैलानियों को निराश होकर नहीं लौटना पड़ेगा।
बोरीबांध से नहीं सूख रहे कुंए
कोड़ाकेल गांव के रिंकू महतो, कोलोम्दा के देवेंद्र सिंह, घघारी के नमन बोदरा, जामटोली के राहुल महतो ने बताया है कि नदियों पर बोरीबांध बनने के बाद उनके गांवों में कुंए का पानी प्रचंड गर्मी के बाद भी नहीं सूखा। गानालोया में पंप हाउस के पास बने बोरीबांध के कारण मुरहू में जलापूर्ति ठप नहीं हुई। वहीं दूसरी ओर अवैध बालू उठाव में भारी कमी आई है।