आगरा। जब अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने मथुरा सिविल कोर्ट में एक नया वाद दाखिल किया। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर वाद में दावा किया गया है कि आगरा के लाल किले के अंदर मूर्ति दबी है। वाद में प्रार्थना की गई है कि कोर्ट पुरातत्व विभाग से खुदाई करवाकर मूर्ति को बाहर निकलवाए।
अधिवक्ता महेंद्र सिंह ने अपनी अर्जी में कहा है कि मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मूर्ति के दबे होने व उन पर मुस्लिम लोगों के चलने से हिन्दुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। अपने दावे के समर्थन में अधिवक्ता महेंद्र सिंह ने औरंगजेब के मुख्य दरबारी साखी मुस्तेक खान द्वारा लिखित पुस्तक मासर-ए -आलम गिरि का हवाला दिया है। वाद के माध्यम से लाल किले में मौजूद बेगम साहिबा की सीढ़ियों का सर्वे कराकर मूर्ति निकलवाने की प्रार्थना की गई है।