हर्बल रिसोर्स टेक्नोलॉजी बीवोक कोर्स का रिजल्‍ट जारी, साजिया खान टॉपर

झारखंड
Spread the love

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के तीन वर्षीय बीवोक इन हर्बल रिसोर्स टेक्नोलॉजी कोर्स के पहले बैच का रिजल्‍ट बुधवार को जारी कि‍या गया। इसके मुताबिक वर्ष 2018-19 बैच में अध्ययनरत सभी 16 छात्र-छात्राओं को सफल घोषित किया गया है। इनमें 9 छात्र एवं 7 छात्राएं शामिल है। साजिया खान टॉपर बनी है।

कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा ने रिजल्‍ट जारी किया है। समेस्टर प्रणाली आधारित इस परीक्षा में पहला तीन स्थान छात्राओं ने हासिल किया है। सर्वाधिक ओजीपीए 8.775/10.000 अंक लाकर साजिया खान कोर्स की टॉपर बनी है। शिल्पी कुमारी ने ओजीपीए 8.311/10.000 अंक लाकर दूसरा और प्रगति राज ने ओजीपीए 8.227/10.000 अंक प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। 16 छात्रों में 8 छात्रों ने 8.000 से अधिक ओजीपीए हासिल की है। इनमें 1 छात्र और 7 छात्राएं है।

ऊपर साजिया खान, नीचे बायें प्रगति राज और दायें शिल्‍पी कुमार

पाठ्यक्रम समन्यवयक डॉ कौशल कुमार ने बताया कि हर्बल रिसोर्स टेक्नोलॉजी विषयक यह भारत का पहला कोर्स है। पूरे देश में एकमात्र बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में इस बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्स का संचालन किया जा रहा है। यह कोर्स डिग्री कोर्स के समतुल्य है। विश्वविद्यालय सेवा आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त इस कोर्स को सत्र 2018-19 से चलाया जा रहा है।

कोर्स के तहत छात्रों ने औषधीय पौधों को उगाने, औषधीय पौधों की जैविक खेती, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, मार्केटिंग और हर्बल उत्पाद सबंधी प्रौद्योगिकी के बारे में जाना। छात्रों ने अध्ययन अवधि में डाबर, बैद्यनाथ, इमामी एवं पतंजलि आदि आयुर्वेदिक कंपनी के भ्रमण से विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिकों से हर्बल प्रौद्योगिकी की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त किया। भारत सरकार के बोटानिकल सर्वे ऑफ इंडिया एवं हर्बल के अन्य प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों का भी छात्रों ने भ्रमण किया।

कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा, डीन फॉरेस्ट्री डॉ एमएस मल्लिक और पाठ्यक्रम समन्यवयक डॉ कौशल कुमार ने पहले बैच के सभी सफल को शुभकामनाएं दी है।

कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने सभी सफल छात्रों को देश का हर्बल रिसोर्स टेक्नोलॉजी ब्रांड एम्बेसडर बताया। छात्रों को बधाई दी। कहा कि झारखंड में हर्बल क्षेत्र में काफी संभावना है। कोरोना काल में हर्बल उत्पादों का महत्‍व काफी बढ़ गया है। इस व्यावसायिक कोर्स के बाद छात्र हर्बल उत्पाद पर उद्यम एवं कंपनी स्थापित कर सकते है। देश के प्रमुख हर्बल कंपनियों में अपनी सेवा दे सकते है।