निलंबित कर पूजा सिंघल पर आपराधिक धाराओं में हो प्राथमिकी : माकपा

झारखंड
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रांची। खान सचिव पूजा सिंघल और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर पर ईडी द्वारा मारे गए छापे में नकद 19.31 करोड़ रुपये और 150 रुपये की संपत्ति के दस्तावेजों की बरामदगी हुई है। यह इस बात का प्रमाण है कि झारखंड में भष्ट नेता और भष्ट अधिकारियों का गठजोड़ राज्य की धन संपदा को लूटने के लिए सुनियोजित तरीके से काम करता है। उक्‍त बातें भाकपा ने कही।

माकपा ने कहा कि पूजा सिंघल 5 अगस्त, 2006 से 17 जुलाई, 2007 तक पाकुड़ की  उपायुक्त थी। उनके खिलाफ मनरेगा में हुए भष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायी थी। इस भष्टाचार के खिलाफ पाकुड़ शहर में विरोध सभा आयोजित की गई थी। उपायुक्त पूजा सिंघल के निर्देश पर तत्कालीन एसडीओ ने सभा की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। जिला प्रशासन के इस अलोकतांत्रिक आदेश के खिलाफ पार्टी द्वारा हाई कोर्ट में रिट दाखिल किया गया। हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद विरोध सभा की गई। पूजा सिंघल के भष्टाचार को उजागर किया गया था।

सीपीएम का राज्य सचिवमंडल ने मांग की है कि पूजा सिंघल के कार्यकाल 2002 से 2022 तक की गतिविधियों की पूरी जांच की जाय। उन्हें सेवा से तत्काल निलंबित कर उनपर प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट के तहत आपराधिक धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जाए। क्योंकि ईडी की छापेमारी जारी है। इसमें और भी काली कमाई के दस्तावेज बरामद हो रहे हैं।

माकपा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मोमेंटम झारखंड के नाम पर काल्पनिक हाथी उड़ाई थी। उसकी मुख्य शिल्पकार पूजा सिंघल ही थीं। इसलिए भष्टाचार पर बोलने का कोई नैतिक आधार भाजपा को नहीं है।