- डाकघरों में भी यूपीआइ आधारित क्यूआर कोड से होगा भुगतान
उत्तर प्रदेश। डाकघरों में स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, पार्सल की बुकिंग के लिए अब कैश की जरूरत नहीं है। काउंटर्स पर नकद की समस्या से निजात और डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन देने के लिए देश भर के सभी डाकघरों के बुकिंग काउंटरों पर क्यूआर कोड लगाये गए हैं। ग्राहक स्कैन कर यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान कर सकते हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के ढ़ाई हजार से ज्यादा डाकघरों के ग्राहक लाभान्वित होंगे।
रेलवे डाक सेवा में भी सुविधा
रेलवे डाक सेवा में स्थित काउंटर्स पर भी ये क्यूआर कोड लगाए गए हैं। यहां देर रात तक बुकिंग की सुविधा उपलब्ध होती है। हालांकि नकद रकम देकर डाक वस्तुओं की बुकिंग का कार्य भी पूर्व की ही भांति होता रहेगा। इस क्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के सभी 6 प्रधान डाकघरों और 268 उप डाकघरों में डाक विभाग ने डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था के लिए क्यूआर कोड से यूपीआइ आधारित आनलाइन भुगतान की सुविधा ग्राहकों के लिए उपलब्ध करा दी है।
वाराणसी प्रक्षेत्र में इतने
वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी पूर्वी मंडल के 58, वाराणसी पश्चिमी मंडल के 60, जौनपुर के 54, गाजीपुर के 54 और बलिया के 48 डाकघर में यह सुविधा है। डाकघरों में स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री पत्र, रजिस्टर्ड पार्सल, रजिस्टर्ड फॉरेन पत्र, व अन्य रजिस्टर्ड आर्टिकल्स, इंटरनेशनल एयर पार्सल, एरोग्राम इंटरनेशनल, फ्रैंकिंग मशीन रिचार्ज, बिजनेस पोस्ट, बिल मेल सेवा, विभागीय परीक्षा शुल्क इत्यदि के चार्ज का भुगतान अब कैश के अलावा डिजिटल पेमेंट के माध्यम से भी हो सकेगा।
इस तरह करें भुगतान
पत्र/पार्सलों की बुकिंग के दौरान काउंटर क्लर्क द्वारा पॉइंट ऑफ सेल पर पत्र के प्रेषक व प्राप्तकर्ता की सभी जानकारियों को दर्ज करने के उपरांत ग्राहक को रकम बताई जायेगी। क्यूआर कार्ड को स्कैन कर भुगतान की प्रक्रिया संपन्न करने को कहा जाएगा। उक्त क्यूआर कोड को स्कैन कर किसी भी यूपी आई पेमेंट मोबाइल एप्लीकेशन जैसे डाक पे, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम, एमेजन पे आदि के द्वारा भुगतान किया जा सकेगा। भुगतान की प्रक्रिया ग्राहक द्वारा पूर्ण करने पर सॉफ्टवेयर सेन्ट्रल सर्वर से भुगतान संपन्न होने की जानकारी लेगा। ग्राहक की रसीद प्रिंट हो जाएगी।
ग्राहकों को राहत मिलेगी
पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि डाकघरों में इस सेवा के शुरू होने से ग्राहकों की सुविधाओं में इजाफा होने के साथ-साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। इससे डाकघरों में आए हुए ग्राहकों को फुटकर पैसों की समस्या से राहत मिल जाएगी। काउंटर पर बैठे डाक सहायक को भी नकद लेन-देन से छुटकारा प्राप्त हो जाएगा और समय की भी बचत होगी।